इसे कोरोना का डर कहा जाए या कुछ और जिसकी वजह से कोविड केयर सेंटर और अस्पतालों से ठीक हो चुके लोगों को उनके परिजन घर वापस ले जाने को तैयार नहीं है।
ऐसी ही एक खबर हम आपको आज बता रहे हैं जिसे पढ़कर शायद आपको अच्छा नहीं लगेगा। दरअसल कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके 50 लोगों को उनके परिजन घर नहीं ले गए हैं, जिसके कारण उन लोगों को सरकारी केंद्रों में रखा जा रहा है।
गांधी अस्पताल में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर राव के अनुसार लगभग 50 लोगों को नेचर क्योर अस्पताल में रखा गया है जिनके परिजन घर वापस ले जाने के लिए नहीं आए।
उन्होंने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि हमारे पास ऐसे 60 मामले आए हैं जिसमें ठीक हो चुके लोगों को घर ले जाने के लिए उनके परिजन नहीं आए हैं, उन्हें डर है कि कहीं उन्हें या उनके बच्चों को ठीक हो चुके लोगों से संक्रमण ना हो जाए.
हम उन्हें लगातार समझाने की कोशिश कर रहे हैं पर अभी तक महिला और पुरुषों समेत 50 लोगों को नेचर क्योर अस्पताल में रखा गया है। ठीक हो चुके लोगों में से कुछ वृद्ध भी हैं और उनमें से एक महिला की उम्र 93 वर्ष है। वृद्ध जनों को गांधी अस्पताल में रखा गया और बाकी लोगों को दूसरे स्थानों पर रखा गया है।
डॉक्टर राव ने आगे कहा कि हम पुलिस के बल पर उनके परिजनों को बुलाकर यह नहीं कह सकते कि वह अपने रिश्तेदारों को यहां से ले जाएं. हम उन्हें समझा सकते हैं, और उन्हें समझा भी रहे हैं कि ठीक हो चुके लोगों से उन्हें कोई खतरा नहीं है. हमारे समझाने के बाद तीन-चार लोग अपने रिश्तेदारों को लेकर घर गए हैं।
सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल में अभी कोविड-19 के 723 मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें से 350 से अधिक मरीजों ऑक्सीजन आपूर्ति पर हैं