उत्तराखंड पुलिस ने टिक टॉक एप के इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध!

इस समय पूरा देश चीन के खिलाफ खड़ा होकर सुर से सुर मिला रहा है। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद लोगों का गुस्सा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। एक तरफ लोग चीनी उत्पादों का इस्तेमाल बंद करने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर मोबाइल एप का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं। कई जगह शुरुआत भी हो गई है। हर तरफ जल्द से जल्द चीन से बदला लेने की मांग उठ रही है।

इसी कड़ी में अब उत्तराखंड पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। एक वेबसाइट के अनुसार उत्तराखंड पुलिस ने टिक-टॉक पर बैन लगा दिया है। उत्तराखंड पुलिस अब टिक-टॉक का इस्तेमाल नहीं करेगी। इस एप के जरिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा सामाजिक संदेश देने के साथ ही जागरुकता संबंधी विडियो पोस्ट किए जाते थे, लेकिन इस वक्त जैसे हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। उत्तराखंड पुलिस ने चाइनीज एप टिक-टॉक से पहले जूम एप के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के बाद जूम एप के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी। चाइनीज एप टिक-टॉक पहले से ही विवादों में है, लेकिन देशभर के युवाओं के बीच ये खासा लोकप्रिय है। यही वजह है कि उत्तराखंड पुलिस भी इसके जरिए सामाजिक संदेश और जागरुकता संबंधी वीडियो लोगों तक पहुंचा रही थी। टिक-टॉक पर उत्तराखंड पुलिस के डेढ़ लाख से अधिक फॉलोवर्स थे। अब इसके इस्तेमाल पर रोक लग गई है। डीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए टिक-टॉक पर प्रतिबंध का फैसला लिया गया है। दूसरे चाइनीज एप्लीकेशन पर भी नजर रखी जा रही है। आपको बता दें कि इस वक्त देशभर में मोबाइल एप्लीकेशन के तौर पर सबसे ज्यादा चाइनीज एप ही इस्तेमाल हो रहे हैं। 52 से ज्यादा एप सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत के बाद लोग अपने फोन से चाइनीज एप डिलीट कर रहे हैं।

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