लखीबाग श्मशान में फैल गया खौफ। काले बैग में शव देख भागे पंडित।

कोरोना वायरस के खौफ से श्मशान घाट भी अछूता नहीं है। इस बात का पता इस बात से चलता है कि देहरादून के लक्खीबाग श्मशान घाट में जैसे ही एक एंबुलेंस से काले बैग में रखा शव अंतिम संस्कार के लिए उतारा गया, वहां हड़कंप मच गया।

शव को किसी कोरोना संदिग्ध का जताकर पंडित और घाट कर्मचारियों ने दाह संस्कार करने से साफ इनकार कर दिया।

यही नहीं पंडित वहां से खिसक लिए। घाट समिति के प्रयासों से तीन घंटे बाद पंडित की व्यवस्था हो पाई।

दून अस्पताल की मोर्चरी से एक शव सोमवार को सुबह 11 बजे एंबुलेंस से लक्खीबाग श्मशान घाट पर लाया गया।

शव को काले बैग में देख श्मशान के पंडित और कर्मचारी वहां जमा हो गए। उन्होंने शव के साथ पहुंचे लोगों से पूछताछ की।

बताया कि अस्पताल से सामान्य तरीके से शव भेजा जाता है। उन्होंने शव किसी कोरोना पॉजिटिव का होने की आशंका जताते हुए अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।

घंटाघर निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसके भाई की मौत सामान्य बीमारी से हुई है। लेकिन पंडित और कर्मचारी फिर भी तैयार नहीं हुए। बाद में श्मशान प्रबंधन समिति के प्रयास से पंडित की व्यवस्था की गई और दाह संस्कार हो पाया।

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