दिल्ली पुलिस की एसीपी सुरेंद्र जीत कौर के पति चरणजीत सिंह वर्क की सोमवार शाम को कोरोनावायरस की वजह से अपोलो अस्पताल में मौत हो गई।
कोरोना की चपेट में आने की वजह से वह पिछले 15 दिनों से अपोलो अस्पताल के वेंटिलेटर पर थे और सोमवार की शाम को वह जिंदगी मौत की जंग को हार कर इस दुनिया से चले गए।
लोधी कॉलोनी शमशान घाट में मंगलवार की शाम को उनका अंतिम संस्कार किया गया।
दिल्ली के दक्षिण पूर्व क्षेत्र के जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार एसीपी सुरेंद्र जीत कौर जिले की क्राईम अगेंस्ट विमेन सेल में तैनात है और कोरोनावायरस के आने के बाद उन्हें इस जिले में बनाए कोविड-19 सेल का इंचार्ज बना दिया गया था और ड्यूटी करते हुए एसीपी सुरेंद्र जीत कौर कोरोनावायरस की चपेट में मई महीने में आ गई थी, जिसके बाद उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके बाद उनके पति चरणजीत सिंह विर्क उनके पिता और एक नौकर को भी कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया था ।
कोरोनावायरस पूरे परिवार की जंग में एसीपी सुरेंद्र जीत कौर के साथ उनके सभी परिवार के सदस्य ठीक हो गए थे, केवल उनके पति चरणजीत सिंह की तबीयत ठीक नहीं हो पा रही थी और वह पिछले 15 दिन से अपोलो अस्पताल के वेंटिलेटर पर डॉक्टरों की निगरानी मैं थे।
बीते सोमवार इस बीमारी के चलते उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।
एसीपी सुरेंद्र जीत कौर अपने पति की मौत का जिम्मेदार खुद को मानती हैं. उनका कहना है कि जब से लॉकडाउन हुआ है तब से उनके पति ने घर के बाहर एक कदम भी नहीं रखा था, परंतु उन्हें रोजाना अपनी नौकरी की वजह से घर से बाहर जाना पड़ता था, जिसकी वजह से मेरे पति इस वायरस की चपेट में आए थे और मैं अपने आप को कभी माफ नहीं कर पाऊंगी।
चरणजीत सिंह पेशे से एक व्यापारी थे और दोनों का एक 26 साल का बेटा है जो कनाडा में रहता है।
एसीपी के अनुसार उनकी उनके पति से 22 मई को आखरी बार बात हुई थी जब यह दोनों अलग-अलग वर्गों में अपोलो अस्पताल में भर्ती हुए थे।
उसके बाद अपोलो के डॉक्टरों ने स्पीकर को फोन करके बताया था कि उनके पति को वेंटिलेटर पर रखे जाने की जरूरत है फिर उन्होंने अपने पति को वीडियो कॉल किया था उस वक्त वह सही से सांस नहीं ले पा रहे थे और उनका ऑक्सीजन स्तर लगातार कम होता जा रहा था फिर उनके पति ने वीडियो कॉल पर डॉक्टरों को खड़े हुए और मॉनिटर को दिखाया फिर बोलने में तकलीफ होने की वजह से उन्होंने कहा कि वह व्हाट्सएप मैसेज भेजेंगे।
व्हाट्सएप पर भेजे गए मैसेज के बारे में बताते हुए, एसीपी ने कहा कि जाने से पहले जानकारी देते हुए अपने सभी अकाउंट के बारे में बताया
एसीपी कौर ने अपने पति को रोकते हुए कहा कि आप यह सब क्यों बता रहे हैं तब उन्हें उनके पति ने बोला कि उन्हें यह सब जानना जरूरी है और शायद उन्हें इस बात का डर था कि वह कभी अब घर वापस नहीं आ पाएंगे।
एसीपी कौर ने कहा कि हमने बहुत सी योजनाएं बना रखी थी 2023 में रिटायरमेंट होने के बाद हमें अपने बेटे के पास कनाडा शिफ्ट होना था लेकिन अब यह सब धरी की धरी रह गई हैं उन्होंने कहा मैंने हर दिन मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे और चार्ज में अपने पति के ठीक होने की कामना की और उनके जाने से मैं बुरी तरह से टूट गई हूं