केजरीवाल कैबिनेट का फैसला, दिल्ली के अस्पतालों में होगा सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज

कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण दिल्ली की हालत चिंताजनक बनी हुई है, और दिल्ली सरकार ने इसी बीच 5 सदस्य डॉक्टरों की एक समिति का 2 मई को गठन किया था. जिसने अपनी रिपोर्ट केजरीवाल सरकार को सौंप दी है, और सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कैबिनेट की बैठक में कुछ बड़े निर्णय लिए थे.

इस बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार के फैसलों की जानकारी दी थी.

जिसके अनुसार सोमवार से दिल्ली में रेस्टोरेंट मॉल और धार्मिक स्थल खोले जा सकेंगे और इस दौरान केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा.

उसके साथ ही होटल और बैंकट हॉल को भी नहीं खोला जाएगा और आने वाले समय में होटलों को अस्पताल के साथ अटैच करना पड़े, इसलिए उनको अभी बंद रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना था कि बुजुर्गों से अपील है कि घर के बाहर या अंदर किसी भी व्यक्ति के संपर्क में वह ना आने की कोशिश करें.

सोमवार से दिल्ली के बॉर्डर को सभी की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।

इस कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया जिसके अनुसार अभी दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज होगा, और बाहरी किसी भी व्यक्ति का इलाज पर अभी रोक होगी, और दिल्ली में केंद्र सरकार के जो अस्पताल हैं उनमें पहले की तरह ही सभी मरीजों का इलाज हो सकेगा.

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के कुछ निजी अस्पताल ऐसे हैं जो विशेष तरह की सर्जरी करते हैं, और यहां देशभर से लोग आकर सर्जरी करवाते हैं, इन अस्पतालों में भी सभी का इलाज पहले की तरह हो सकेगा।

उनका कहना था कि दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के लिए 5 वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम का सुझाव भी यही है, कि जब तक कोरोना वायरस का संकट है, तब तक दिल्ली के अस्पतालों को केवल दिल्ली वासियों के लिए ही आरक्षित कर दिया जाए.

उन्होंने कहा समिति के अनुसार अगर दिल्ली के अस्पतालों को सभी के लिए  खोल दिया जाएगा, तो 3 दिन में दिल्ली के अस्पतालों के सारे बेड भर जाएंगे.

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