फिस्कल ईयर 2020 की चौथी तिमाही में GDP की ग्रोथ 3.1 फीसदी रही है। यह पिछले 11 साल की सबसे कमजोर ग्रोथ है। इससे पहले तीसरी तिमाही में GDP की ग्रोथ 4.7 फीसदी थी। पूरे फिस्कल ईयर 2020 के लिए GDP की ग्रोथ देखें तो वह 4.2 फीसदी रहा है जो उम्मीद से बेहतर है।
कोरोनावायरस संक्रमण के कारण 25 मार्च से ही देश में लॉकडाउन जारी है। मार्च के आखिरी 10 दिन आर्थिक गतिविधियां बहुत कम हुईं जिसका असर GDP ग्रोथ पर नजर आ रहा है।
अगर हम ग्रॉस वैल्यू एडेड टर्म्स के लिहाज से देखें तो फिस्कल ईयर 2020 की चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 3 फीसदी रही जो तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2020) में 4.5 फीसदी थी।
फिस्कल ईयर 2020 के लिए ग्रॉस वैल्यू एडेड टर्म में ग्रोथ 3.9 फीसदी रही है। सरकार का कहना है कि GDP के अनुमान को संशोधन के लिए भेजा सकता है।
GDP के कमजोर आंकड़े से साफ है कि लॉकडाउन का देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। कोर सेक्टर का आउटपुट अप्रैल 2020 में रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। इस दौरान कोर सेक्टर की आउटपुट की ग्रोथ -38.1 फीसदी रही है।
शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक