राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को महामारी अधिनियम 1897 उत्तराखंड राज्य संशोधन अध्यादेश (ऑर्डिनेन्स) को सहर्ष मंज़ूरी प्रदान कर दी है।
एक्ट के तहत सार्वजनिक स्थलों पर मास्क न पहनने से लेकर क्वारंटाइन नियमों का पालन न करने पर छह महीने की सजा और पांच हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है।
पुराने स्वरूप में एक्ट में सीधे सजा का प्रावधान नहीं था, बल्कि इसके लिए आईपीसी के तहत कार्रवाई करनी पड़ती थी। इसलिए राज्य कैबिनेट ने गत मार्च में एक्ट में संशोधन प्रस्ताव पास करते हुए, राजभवन भेजा था।
भारत सरकार का यह एक्ट राज्य में पहले ही प्रभावी है, इसके तहत महामारी रोकथाम के लिए दिए गए निर्देशों का पालन न करने पर अधिकतम छह महीने की सजा और एक हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
जिसे अब राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। संशोधन के जरिए अब सरकार ने सीधे एक्ट में ही सजा का प्रावधान कर दिया है। साथ ही जुर्माना भी एक हजार से बढ़ाकर पांच हजार कर दिया है।
इसके साथ ही सरकार ने कम्पाउंडिंग का विकल्प देकर, मौके पर ही जुर्माना चुकाने का भी रास्ता खोल दिया है। भारत सरकार के एक्ट में संशोधन करने वाला उत्तराखंड केरल और उड़ीसा के बाद तीसरा राज्य बन गया है।