फीस न दे पाने वाले छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई से बाहर करने पर स्कूलों को भेजे गए नोटिस

अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उन स्कूलों को नोटिस भेजे हैं जिन्होंने फीस समय पर जमा ना कराने या ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क देने से इंकार पर कई छात्रों को ऑनलाइन स्टडी एप से ब्लॉक कर दिया है।

सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें उनसे छात्रों को ब्लॉक करने के बजाय किश्तों में फीस जमा कराने या अन्य समाधान निकालने को कहा है।
कुछ अभिभावकों ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से शिकायत की थी कि ट्यूशन फीस समय पर जमा ना कर पाने पर स्कूल ने उनके बच्चे को ऑनलाइन स्टडी एप पर ब्लॉक कर दिया है।

इसके अलावा स्कूल के होमवर्क के लिए बनाए गए एप का पासवर्ड भी रीसेट कर दिया है। इसके अलावा कुछ अभिभावकों ने शिकायत की कि ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क देने से इनकार करने पर उनके बच्चों को भी ऑनलाइन स्टडी एप से ब्लॉक कर दिया गया।

इससे बच्चों की पढ़ाई छूट गई है। इस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली की ओर से कुछ स्कूलों को नोटिस भेजे गए हैं। इनको शिकायत का निस्तारण कर विभाग को बताने को कहा गया है।

उधम सिंह नगर में अभिभावकों ने एक निजी स्कूल पर ऑनलाइन क्लास ब्लॉक करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को प्रदर्शन भी किया। खटीमा में दो विद्यालयों ने फीस जमा नहीं करने पर दो बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज से ब्लॉक कर दिया है। यूएसनगर शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा है। चम्पावत में फीस जमा नहीं करने पर मोबाइल नंबर को ग्रुप से हटाने की धमकी दी जा रही है। हल्द्वानी में फीस वसूली के मामले में 12 स्कूलों के खिलाफ जांच चल रही है। हालांकि क्लास ब्लॉक करने जैसे मामले यहां नहीं आए हैं।

अगर कोई अभिभावक एक साथ फीस देने में सक्षम नहीं तो स्कूल उनसे किस्तों पर फीस ले सकते हैं। हमें कुछ शिकायतें मिली हैं जिन पर स्कूलों से जवाब मांगा है। जरूरत पड़ी तो स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को बैठाकर सुनवाई की जाएगी। सीधे छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित कर देना गलत है। स्कूलों का जवाब आने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
आशा रानी पैन्यूली, सीईओ, देहरादून

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