नेपाली सेना की वर्दी में चीनी? उत्तराखंड बॉर्डर पर सतर्क हुई सुरक्षा एजेंसियां

भारतीय सेना ने चीन से लगी सभी सीमाओं के अग्रिम मोर्चों पर तैनाती बढ़ा दी है। कई सीमावर्ती गांवों को खाली भी कराया जा रहा है। गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद सीमा पर तनाव बना हुआ है।

इस बीच के डराने वाली खबर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से आ रही है। दैनिक जागरण के हवाले से छपी एक खबर के मुताबिक गर्बाधार से चीन सीमा लिपुलेख तक सड़क निर्माण के बाद नेपाल ने भी दार्चुला-टिंकर रोड का काम तेज कर दिया है। चिंता वाली बात ये है कि सड़क निर्माण का काम चीनी कंपनी करा रही है। चीनी कंपनी के कर्मचारी नेपाली सेना की ड्रेस पहन कर निर्माण कार्य में जुटे हैं। इस रोड की लंबाई 134 किमी है, जिसे पहाड़ काटकर तैयार किया जाना है। सड़क निर्माण में चीन के कर्मचारी लगे हुए हैं, ये कैसे पता चला आईए जानते हैं। दरअसल भारतीय क्षेत्र के लोगों का पालपा, लामारी, बूंदी और गर्ब्यांग में आना-जाना लगा रहता है। इसी दौरान उन्हें दार्चुला-टिंकर सड़क रोड पर काम कर रहे सैनिकों पर शक हुआ। सैनिकों की बोलचाल और शारीरिक बनावट लोगों को चीनी लगी। धीरे-धीरे ये बात पूरे इलाके में फैल गई। बात सेना के अधिकारियों तक भी पहुंची।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी इसे लेकर सतर्क हो गई हैं। कालापानी विवाद के बीच नेपाल और चीन के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी हैं। इस वक्त चीन नेपाल में भैरहवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पोखरा एयरपोर्ट, काठमांडू के पशुपति इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के साथ ही चार जल विद्युत परियोजनाओं पर काम कर रहा है। बात करें दार्चुला-टिंकर रोड की, तो इसका काम पहले नेपाल निर्माण निगम के जिम्मे था, अब यहां चीनी कंपनी के कर्मचारी नेपाली सेना की वर्दी में काम कर रहे हैं। चीन नेपाल में रेलवे लाइन पर भी तेजी से काम कर रहा है। इसके लिए उसने भारत से सटे इलाकों में सर्वे का काम भी शुरू करा दिया गया है। नेपाल में चीन का बढ़ता दखल भारत के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। बहरहाल पिथौरागढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र में चीनी दल की उपस्थिति से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं।

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