बीमा कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आ सकती है. इसकी वजह यह है कि कोविड-19 के बाद प्रोटेक्शन प्लान के मांग में तेजी आई है. इससे बीमा कंपनियों के शेयर शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन और हांगकांग के पुराने अनुभव बताते हैं कि सार्स और एच1एन1 जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी आपदाओं के बाद प्रोटेक्शन प्लान की बिक्री काफी अधिक बढ़ जाती है. उनका अनुमान है कि अगले मार्च तक छह सूचीबद्ध बीमा कंपनियों के शेयर 20 से 100 फीसदी तक चढ़ सकती हैं.
कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषक निश्चिंत चवाठे ने कहा, “पुरानी महामारियों के हमाने अनुभव बताते हैं कि ऐसे माहौल में टर्म और स्वास्थ बीमा की मांग काफी बढ़ जाती है. हालांकि, मांग में कितना इजाफा होगा, इस विषय में कुछ नहीं कहा जा सकता है.”
उन्होंने कहा, “यह बता पाना कठिन है कि कोरोना वायरस की वजह से कितना इजाफा होगा, क्योंकि अभी तक इस महामारी का व्यापक असर नापा नहीं जा सकता है, मगर इस वॉल्यूम में वृद्धि का सबसे अधिक फायदा स्वास्थ्य और जीवन बीमा कंपनियों को होगा.”
हाल ही में कोविड-19 के चलते मार्च में प्रीमियम संग्रह में गिरावट आई, जिसके चलते बीमा कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिरे. इस साल बीमा कंपनियों के शेयर 32 फीसदी तक फिसल चुके हैं. मार्च में वार्षिक प्रीमियम 49 फीसदी तक घटा, जो अमूमन सबसे मजबूत तिमाही मानी जाती है.
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने अपने 52 सप्ताह के शिखर स्तर से इस साल क्रमश: 34 फीसदी और 37 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की है, जबकि एचडीएफसी लाइफ 30 फीसदी तक नीचे कारोबार कर रहा है.
जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन और न्यू इंडिया एश्योरेंस अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तरों से क्रमश: 60 फीसदी और 38 फीसदी तक गिर चुके हैं. कोविड-19 से पहले जीवन बीमा कंपनियों के शेयरों का पीई 2.5 से 4.5 था, मगर अब ये 1.8 से 4.1 हो गया है.
जेपी मॉर्गन की विश्लेषक दीपिका मूंधड़ा ने कहा, “शेयरों में गिरावट दर्शाती है कि लॉकडाउन और नई टैक्स नीति के प्रस्ताव के प्रभाव को समाहित किया जा चुका है. संभव है कि आने वाली एक से दो तिमाही भारतीय बीमा कंपनियों के लिए नरम रह सकती हैं, मगर दीर्घावधि के लिए बढ़िया दांव है।
शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक