कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार की देर रात उत्तराखंड सरकार ने बाहर से आने वाले व्यक्तियों व पर्यटकों के लिए नए आदेश जारी किए। पिछले कुछ समय में राज्य में आने वाले व्यक्तियों के एंटीजन रिपोर्ट, कोविड टेस्ट को लेकर संशय था। इसी को स्पष्ट करने के लिए नया आदेश जारी किया गया। इसमें क्वारंटीन और पर्यटक दोनों को लेकर स्थिति साफ की गई। एक सितंबर को जो एसओपी जारी हुई थी। इस नए आदेश के तहत उस एसओपी को खत्म नहीं किया गया है। इस आदेश में जो दिशा-निर्देश नहीं हैं, उनके लिए एक सितंबर वाले आदेश लागू रहेंगे। यही वजह है कि इस आदेश में हाई कोविड लोड शहरों से आने वाले लोगों से संबंधित व्यवस्था का जिक्र नहीं है।
इन आदेशों के तहत उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को अब होटल या होम स्टे में कम से कम दो रात की बुकिंग करानी जरूरी होगी। इसके साथ-साथ प्रदेश सरकार ने क्वारंटीन के नियमों में भी कुछ रियायत दी है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी आदेश 21 सितंबर से लागू होंगे।
नए आदेश के तहत उत्तराखंड में आने वाले लोगों को अपने साथ चार दिन (96 घंटे) की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। अगर उनके पास कोविड निगेटिव रिपोर्ट नहीं है तो प्रवेश करने वालों के थर्मल टेस्ट की व्यवस्था संबंधित जिला प्रशासन करेगा। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसका एंटीजन टेस्ट किया जाएगा।
यात्रियों के पास यह भी विकल्प होगा कि वे सीमा चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या आईसीएमआर अधिकृत कोविड टेस्टिंग लैब से भुगतान कर एंटीजन टेस्ट करा सकते हैं। होटल प्रबंधकों से भी कहा गया है कि वे चाहें तो पर्यटकों के लिए भुगतान आधारित कोविड टेस्ट की व्यवस्था निजी लैब संचालकों से करा सकते हैं।
उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्यटक को प्रवेश देने से पहले उसका कोविड टेस्ट अनिवार्य रूप से हो जाए। कोविड टेस्ट यदि पॉजिटिव पाया जाता है तो इसकी सूचना संबंधित जिला प्रशासन को अनिवार्य रूप से देनी होगी।
नए आदेश के तहत प्रदेश सरकार ने बॉर्डर चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और जिलों के सीमावर्ती बस अड्डों पर थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य कर दी है। इसकी व्यवस्था जिलाधिकारियों को करने को कहा गया है।
राज्य में आने वाले हर व्यक्ति, जिसके पास चार दिन की कोविड निगेटिव रिपोर्ट है, उन्हें होम क्वारंटीन नहीं होना होगा।