उत्तराखंड वासियों को बचपन से ही यह शिक्षा मिलती है कि अतिथि देवो भव! लेकिन तब हम क्या माने जब हमारे अपने विपरीत समय में वापस अपने घर लौट के अपनी सुरक्षा के लिए आ रहे हैं? कितना सुरक्षित महसूस करते होंगे यह लोग जब अपनी मातृभूमि को देखते होंगे। लंबे अंतराल के बाद जब अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बारे में सोचते होंगे तो चेहरे में मुस्कान आ जाती होगी। चंपावत के देवीधुरा स्थित महाविद्यालय को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है। बताया गया है कि देर शाम यहां प्रवासी लोगों से भरी बस पहुंची लेकिन गांव वालों ने बस को रोक लिया। एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक खबर है कि इसके बाद पथराव भी हुआ और प्रशासन में हड़कंप मच गया।
उत्तराखंड के लोगों से हमारी अपील है कि जो प्रवासी घर लौट रहे हैं वो हमारे अपने ही हैं। इनसे बेहतर व्यवहार करें क्योंकि इसी में हमारी और हमारे समाज की भलाई है।
पथराव की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी और सीओ मौके पर पहुंचे और रात 11:00 बजे प्रवासी लोगों को महाविद्यालय में बने क्वारेंटाइन सेंटर भेजा। दरअसल ग्रामीणों का गुस्सा भी जायज है..उनका कहना है कि महाविद्यालय में प्रशासन के द्वारा अच्छी व्यवस्थाएं नहीं की गई हैं, जिस वजह से यह लोग खफा हैं।
बताया जा रहा है कि इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने प्रवासी लोगों की बस पर भी पथराव किया। पुलिस प्रशासन द्वारा प्रवासी लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचाया गया और तब जाकर कहीं मामला शांत हो पाया।
इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजे जा रहे प्रवासी लोगों का रास्ता रोका जाना गलत है। आपको बता दें कि इस वक्त पूरे उत्तराखंड में प्रवासी लोगों की घर वापसी हो रही है।
दिव्य प्रभात की उत्तराखंड आने वाले सभी प्रवासी हमारे अपने लोग हैं। इनके साथ अच्छा व्यवहार करना हमारा फर्ज है।इसी बात की हम आपसे अपेक्षा करते हैं। ध्यान रखिएगा…आपकी एक छोटी सी गलती आपके गांव, आपके जिले और आपके राज्य का नाम मिट्टी में मिला सकती है।