वैदिक ज्योतिष की गहराई में उतरने का सबसे अच्छा तरीका स्वयं की आत्म-शिक्षा है। इसके लिए वेदों का व्यापक अध्ययन, विशेष ज्योतिषीय ग्रंथों का अध्ययन और योग्य गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त करना आवश्यक है। इसके साथ ही, ध्यान, योग और धारणा के माध्यम से अपनी अंतरात्मा के साथ जुड़ना भी जरूरी है। बार-बार अभ्यास करने से ही ज्योतिष का असली ज्ञान प्राप्त होता है। अध्ययन, अभ्यास और ध्यान के द्वारा ही वैदिक ज्योतिष को समझा जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष में भविष्यवाणी के रूप में अनेक श्रृंखलाएँ हैं। इन श्रृंखलाओं में आपकी मृत्यु का पूर्वानुमान किया जा सकता है। इसके लिए, ज्योतिष विद्या के अनुसार आपके जन्म का समय और स्थान को ध्यान में रखते हुए नक्षत्र, ग्रहों और उनकी योगफल का विश्लेषण किया जाता है। इससे आपकी मृत्यु का आनुमान किया जा सकता है।
ज्योतिष और तांत्रिक विद्या, वैदिक ज्योतिष विषय विभाग