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Tata Capital IPO का आवंटन हुआ: शेयर लिस्टिंग 13 अक्टूबर को, 1.95× सब्सक्रिप्शन

Tata Capital IPO का आवंटन हुआ: शेयर लिस्टिंग 13 अक्टूबर को, 1.95× सब्सक्रिप्शन

Tata Capital IPO का आवंटन हुआ: शेयर लिस्टिंग 13 अक्टूबर को, 1.95× सब्सक्रिप्शन

जब Tata Capital Ltd का आईपीओ आवंटन 9 अक्टूबर 2025 को अंतिम रूप में आया, निवेशकों की दिलचस्पी की आँधियाँ फिर से उभरीं। सफल आवेदकों को 10 अक्टूबर तक उनके डिमैट खातों में शेयर मिलेंगे, जबकि लिस्टिंग 13 अक्टूबर को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सुबह 10 बजे तय है। इस लेख में हम सब्सक्रिप्शन डेटा, प्रमुख निवेशकों की भागीदारी, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) और भविष्य के प्रभावों को विस्तार से देखेंगे।

ऑफ़र का सारांश और कुल आकार

इश्यू में कुल 5,15,12 करोड़ रुपये का आकार था, जिसमें दो मुख्य भाग शामिल थे: नई इक्विटी शेयरों का फ्रेस इश्यू (21 करोड़ शेयर) और ऑफ़र फॉर सेल (OFS) (26.58 करोड़ शेयर)। फ्रेस इश्यू से उठाए जाने वाले फंड की सीमा 6,510 करोड़ से 6,846 करोड़ रुपये थी, जबकि OFS से मिलने वाले प्राप्तियों की रेंज 8,241 करोड़ से 8,666 करोड़ रुपये तक रही। ऑफ़र की कीमत 310 रुपये से 326 रुपये प्रति शेयर तय थी, जिसमें न्यूनतम लॉट साइज 46 शेयर था—अर्थात् उच्च बैंड पर कुल निवेश 14,996 रुपये होगा।

सब्सक्रिप्शन और आवंटन विवरण

इश्यू के कुल 33,34,36,996 शेयरों के मुकाबले 65,12,30,648 बिड्स मिले, जिससे कुल सब्सक्रिप्शन 1.95× हुई। वर्गीकरण अनुसार, Qualified Institutional Buyers (QIB) ने सबसे अधिक रुचि दिखाते हुए 3.42× सब्सक्राइब किया, इसके बाद Non‑Institutional Investors (NII) ने 1.98× और Retail Individual Investors (RII) ने 1.10× सब्सक्राइब किया। डेटा ICICI Direct ने 9 अक्टूबर को प्रकाशित किया।

प्रमुख निवेशकों की भागीदारी

ऑफ़र फॉर सेल में 23 करोड़ शेयर टाटा सन्स द्वारा और 3.58 करोड़ शेयर International Finance Corporation (IFC) द्वारा बेचे गए। इस कदम से टाटा सन्स की प्रॉमोटर शेयरहोल्डिंग 95.6% से घटकर 85.4% रह गई। इस पर Natarajan Chandrasekaran, टाटा ग्रुप के चेयरमैन, ने कहा कि यह कदम कंपनी के दीर्घकालिक पूंजी संरचना को सुदृढ़ करेगा।

सूचीबद्धता प्रक्रिया और ग्रे मार्केट संकेत

आवंटन को संभालने वाला रजिस्ट्री MUFG Intime ने 9 अक्टूबर को बासिस फाइनल किया और 10 अक्टूबर तक शेयरों को डिमैट में क्रेडिट कर दिया। असफल आवेदकों को उसी दिन उनके बँक खातों में रिफंड मिलेगा। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 1.8% पर स्थिर था, जिसे Economic Times ने 10 अक्टूबर की लाइव ब्लॉगर रिपोर्ट में बताया, जबकि Business Standard ने ‘सबसिडेड’ लिस्टिंग गेंस का संकेत दिया।

भविष्य के प्रभाव और विशेषज्ञों की राय

भविष्य के प्रभाव और विशेषज्ञों की राय

भर्ती का उद्देश्य मुख्यतः Tier‑I कैपिटल बेस को बूस्ट करना है—क्योंकि टाटा कैपिटल अपने लेंडिंग पोर्टफोलियो को तेज़ी से विस्तार कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि रीयल एस्टेट, कंज्यूमर फाइनेंस और एग्री‑बिजनेस जैसी क्षेत्रों में वृद्धि के साथ, कंपनी को अगले 3‑5 सालों में कम से कम 12‑15% का वार्षिक प्रॉफिट ग्रोथ मिलने की संभावना है। साथ ही, प्रॉमोटर शेयरों के घटने से शेयरहोल्डर बेस में व्यापकता आयेगी और बोर्‍डर‑रिज़ॉल्यूशन के साथ डील्स के मूल्यांकन में पारदर्शिता बढ़ेगी।

निवेशकों के लिए अगला कदम

जो निवेशक अभी भी अपने आवंटन स्थिति की जांच करना चाहते हैं, उन्हें MUFG Intime के आधिकारिक पोर्टल, BSE पोर्टल या NSE पोर्टल पर अपना एप्लिकेशन नंबर, PAN या डिमैट अकाउंट विवरण दर्ज करना होगा। आधिकारिक साइटों पर सुधारित बायलॉजिक टूल्स उपलब्ध हैं, जिससे वास्तविक समय में स्टेटस देख सकेंगे। कई वित्तीय ऐप्स अब इंटीग्रेटेड रियल‑टाइम API के माध्यम से इस डेटा को प्रदर्शित कर रहे हैं, जिससे निवेशकों को कई प्लेटफ़ॉर्म पर दोहराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Tata Capital के IPO में सबसे अधिक किस वर्ग ने सब्सक्राइब किया?

Qualified Institutional Buyers (QIB) ने 3.42 गुना सब्सक्रिप्शन कर सबसे अधिक हिस्सेदारी ली, जो संस्थागत निवेशकों की गहरी भरोसे को दर्शाता है।

आवंटन के बाद टाटा सन्स की शेयरहोल्डिंग कितनी रह गई?

ऑफ़र फॉर सेल के बाद टाटा सन्स की प्रॉमोटर हिस्सेदारी 95.6 % से घटकर लगभग 85.4 % रह गई, जिससे बाजार में हिस्सेदारी का वितरण व्यापक हुआ।

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) कितना था और इसका क्या मतलब है?

GMP 1.8 % पर तय हुआ, जो सूचीबद्ध होने से पूर्व शेयरों की डिमांड को दर्शाता है। यह स्तर मध्यम लाभ की संभावना बताता है, लेकिन अत्यधिक बुलिश नहीं माना गया।

निवेशकों को अपना आवंटन स्टेटस कैसे चेक करना चाहिए?

आवंटन स्टेटस को देखना हो तो MUFG Intime के आधिकारिक पोर्टल, BSE या NSE की वेबसाइट पर एप्लिकेशन नंबर/ PAN/ डिमैट विवरण डालें। गैर‑अधिकारिक साइटों से बचें, क्योंकि वे गलत जानकारी दे सकती हैं।

इस IPO का भारतीय शेयरबाजार पर क्या असर पड़ेगा?

2025 का सबसे बड़ा आईपीओ होने के कारण, बाजार में तरलता बढ़ेगी, NBFC सेक्टर का विश्वास मजबूत होगा और निवेशकों को टाटा समूह की अन्य संभावनाओं में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।

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