बड़ी चूक : कोरोना से ठीक हुए हामिद अली ,छुट्टी हनीफ अली को मिली

अस्पतालों की लापरवाही का एक ताजा मामला देश के असम राज्य से सामने आया जहां पर एक सिविल अस्पताल ले कोरोनावायरस से ठीक हो चुके एक मरीज की जगह, दूसरे मरीज को अपने अस्पताल से छुट्टी दे दी, हालांकि यह गलती दोनों मरीजों के नाम में ज्यादा फर्क ना होने की वजह से हुई।

जैसे ही अस्पताल की इस गलती का पता क्षेत्र के लोगों को चला तो वहां पर हड़कंप मच गया।

गलती तब हुई जब राज्य सरकार द्वारा भेजी गई, कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों की सूची को अस्पताल स्टाफ ने मरीजों के सामने पढ़कर सुनाया।

यह मामला है असम के डारंग जिले के मंगलदोई सिविल अस्पताल का जहां राज्य सरकार द्वारा भेजी गई कोरोनावायरस से ठीक होने वाले लोगों की सूची में हामिद अली का नाम भी शामिल था, जिसका इलाज 5 जून से किया जा रहा था और हामिद अली प्रवासी मजदूर है।

जब अस्पताल स्टाफ ने उसका नाम लिया तो वहां पर मौजूद दूसरे मरीज हनीफ अली ने इस पर प्रतिक्रिया दी और हनीफ को 3 जून को अस्पताल में भर्ती किया गया था, तब तक उसकी कोरोना पॉजिटिव नहीं आई थी. इधर वहां मौजूद हामिद ने भी हनीफ की प्रतिक्रिया का कोई जवाब नहीं दिया उस घटना के बाद मौजूद एक मरीज ने बताया कि भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि दोनों नामों का उच्चारण समान लगता है।

उस अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा नाम के उच्चारण और फैसले में हुई चूक के कारण हनीफ को हामिद की जगह अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद हनीफ एक एंबुलेंस से रात के लगभग 9:00 बजे जिले में स्थित अपने घर पर पहुंचा. इसी बीच अस्पताल के अधिकारियों को अपने द्वारा हुई इस गंभीर गलती का एहसास हुआ, और उसके तुरंत बाद हनीफ को अस्पताल आने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

 

डारन जिले के डीसी दिलीप बोरा के अनुसार हनीफ को गुरुवार सुबह अस्पताल वापस लाया गया और उन्होंने बताया कि सौभाग्य से 11 जून को हनीफ की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई इधर हनीफ के घर को सील कर दिया गया और उसके परिवार के सदस्यों का सैंपल लिया गया

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