आगरा के 24 शिक्षकों को बर्खास्त कर एफ.आई. आर. के आदेश! 195 का रोका गया वेतन। जानिए पूरी खबर!

ताज नगरी आगरा से शिक्षकों को लेकर एक बहुत बड़ी खबर आई है। मिली जानकारी के मुताबिक 24 शिक्षकों को बर्खास्त कर एफ आई आर के आदेश दिए गए हैं। वहीं जिले में 195 परिषदीय शिक्षक चिन्हित किए गए हैं। इन सभी का वेतन रोक दिया गया है।
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से फर्जी घोषित किए गए बीएड सत्र 2004-05 के 2823 प्रमाणपत्रों की सूची के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने जिले के 24 परिषदीय शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इन सभी शिक्षकों के नाम सूची में शामिल थे।
संबंधित शिक्षकों को रजिस्टर्ड डाक से बर्खास्तगी का पत्र भेज दिया गया है। संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और वेतन की रिकवरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से तैयार विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 की फर्जी और टेंपर्ड प्रमाणपत्रों की सूची से जिले में कुल 249 परिषदीय शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इसमें 54 शिक्षक एसआईटी की 1082 टेंपर्ड प्रमाणपत्रों की सूची से तलाशे गए हैं।

  • 195 परिषदीय शिक्षक चिह्नित

इनका वेतन रोका गया है। इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई विश्वविद्यालय की ओर से टेंपर्ड प्रमाणपत्रों पर कोई निर्णय लिए जाने के बाद की जानी है। वहीं, फर्जी प्रमाणपत्रों की सूची से जिले में 195 परिषदीय शिक्षक चिह्नित किए गए हैं। इन सभी का वेतन रोक दिया गया है।

बीएसए राजीव कुमार यादव का कहना है कि जिन 24 शिक्षकों की बर्खास्तगी का आदेश सोमवार को जारी किया गया। इन शिक्षकों का नाम हाईकोर्ट के आदेश में शामिल विश्वविद्यालय की ओर से फर्जी घोषित किए गए 2823 प्रमाणपत्रों की सूची में शामिल है। सूची से मिलान करने के बाद कदम उठाया गया है।

  • बचे शिक्षकों के नाम इस सूची में होने की उम्मीद

फर्जी घोषित 2823 अभ्यर्थियों की सूची में 24 शिक्षकों के ही नाम मिले हैं। ऐसे में बाकी 171 शिक्षकों के नाम विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किए गए 814 उन अभ्यर्थियों की सूची में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिन्होंने विभिन्न माध्यमों से विश्वविद्यालय को प्रत्यावेदन दिए थे।

सूत्रों के माध्यम से कार्रवाई से बचने के लिए तमाम अभ्यर्थियों ने अपना प्रत्यावेदन ऑफलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय को दे दिए थे। जबकि विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित फार्मेट पर वेबसाइट के माध्यम से प्रत्यावेदन या आपत्ति मांगी गई थी।

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