कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च से लागू लाँकडाउन ने दिल्ली सरकार का खजाना कर दिया खाली और अब केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से मांगी है मदद.
दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से तत्काल ₹5000 करोड़ की सहायता मांगी है. मनीष सिसोदिया के पास शिक्षा मंत्रालय के साथ वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है.
संवाददाता सम्मेलन में मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले 2 महीने से जीएसटी संग्रह हर महीने केवल ₹500 करोड़ हुआ है और हमें अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए कम से कम ₹7000 करोड़ की आवश्यकता है, जिसमें से अनेक कर्मचारी कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ पहली पंक्ति के दायित्व को अंजाम दे रहे हैं.
उनका कहना था कि सरकार को अपने कर्मचारियों के वेतन और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर महीने ₹3500 करोड़ पर की जरूरत होती है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उन्हें केंद्र से ₹5000 करोड़ देने की मांग की है.
मनीष सिसोदिया के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से दिल्ली के लोगों की मदद की अपील की है, ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा कि “केंद्र सरकार से निवेदन है कि आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करें”.
वैसे अपने राजस्व को घाटे को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने लाँकडाउन के चौथे चरण के बाद से शराब पर 70 फ़ीसदी कोरना टैक्स लगाया था,जो अभी तक लागू है. इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका डाली गई है और कोर्ट ने राज्य से इस बारे में रिपोर्ट भी मांगी है