देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा रविवार की रात शहर में निकले। वे सबसे पहले रात 10.15 बजे किशन नगर चौक पहुंचे। यहां पुलिस की तैनाती थी। मेयर गामा ने स्कूटी का हॉर्न भी बजाया, लेकिन पुलिस ने नहीं रोका। इसके बाद 10.20 बजे बल्लूपुर चौक पहुंते तो वहां भी पुलिस ने नहीं रोका।
जिसके बाद वह बल्लीवाला की ओर मुड़ गए 10.37 बजे जब वे निरंजनपुर मंडी आए तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। स्कूटी खड़ी करवाने के बाद उसके कागज और पास मांगा। जिस पर गामा ने बताया कि पास नहीं है।
इसके बाद पुलिस ने उन्हें पटेलनगर कोतवाल सूर्यभूषण नेगी के पास जाने को कहा। इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने मेयर को पहचान लिया। मेयर ने पुलिसकर्मियों का हाल पूछा और घंटाघर की ओर निकल पड़े। इसके बाद रात 11 बजे वे घंटाघर चौक पहुंचे तो वहां भी पुलिसकर्मियों ने मेयर गामा की स्कूटी रोक ली लेकिन उन्होंने मेयर को पहचान लिया। जिसके बाद मेयर ने उनकी पीठ थपथपाते हुए बढ़िया काम करने पर हौसला अफजाई की।
सुनील उनियाल गामा रात के समय लॉकडाउन में पुलिस व्यवस्था का जायजा लेने के लिए आम आदमी की तरह अकेले स्कूटी पर निकल पड़े। इस दौरान वह आधा दर्जन से अधिक चौराहों से गुजरे। जिनमें से कई पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें नहीं रोका। जबकि कुछ चौराहों पर मौजूद पुलिस ने उन्हें आम आदमी समझकर लॉकडाउन की अहमियत समझाई। मेयर गामा ने इस दौरान भी अपनी पहचान नहीं बताई।
मेयर गामा ने बताया कि कोई पुलिसकर्मी पहचान न सके, साथ ही नियमों का भी उल्लंघन भी न हो इसके लिए उन्होंने हेलमेट और मास्क भी पहनाा था। स्कूटी से वह अपने आवास से टैगोर विला, बिंदाल पुल, किशन नगर, बल्लूपुर, बल्लीवाला, जीएमएस रोड, निरंजनपुर मंडी, सहारनपुर चौक, गांधी रोड, दर्शनलाल चौक होते हुए घंटाघर पहुंचे। इसके बाद करीब 12 बजे घर पहुंचे।
मेयर ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें लॉकडाउन की अहमियत समझाई। इसके लिए सुबह उन्हें रोकने वाले कर्मचारियों को सम्मानित करने के लिए सोमवार को ही निगम बुलाया था, लेकिन वह आजाद कॉलोनी सील करने की कार्रवाई में व्यस्त थे। ऐसे में उन्हें मंगलवार को सम्मानित किया जाएगा।