हिंदुओं के लिए क्यों हुए चिंतित विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार और क्या उठाएं बुद्धिजीवियों पर सवाल

विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने एक ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में हिंदुओं पर हो रही हिंसा से चिंता जाहिर की.

उन्होंने देश के अलग-अलग भागों में समुदाय विशेष द्वारा हिंदुओं के खिलाफ भीड़ के द्वारा हिंसा को अंजाम दिए जाने को लेकर, राजनीतिक दलों और कथित धर्मनिरपेक्ष बुद्धिजीवियों के चुप्पी साधने पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि सरकार इस मुद्दे पर बात नहीं करती हैं.

आलोक कुमार ने आगे कहा कि देश में अल्पसंख्यक वर्ग के मुस्लिमों एवं ईसाइयों को गुमराह करने का षडयंत्र एक विशेष वर्ग के लोगों द्वारा चलाया जा रहा है. कहीं ना कहीं उनके मन में असुरक्षा का भ्रम फैलाया जा रहा है, जिसके कारण देश के मुस्लिम बहुल इलाकों में मोब लीचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं और इस तरह की घटनाओं पर राज्य सरकारों और केंद्र को रोक लगाने की जरूरत है.

आलोक कुमार के साथ विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल भी मौजूद थे, उन्होंने आगे कहा देश में ऐसे बहुत से गांव हैं जो हिंदू विहीन हो चुके हैं, जिसका एक उदाहरण हरियाणा का मेवात है जहां से हिंदू पलायन कर चुके हैं.

उनका कहना था कि सिविल सोसाइटी के नाम पर कुछ लोग अपनी दुकान चलाने के लिए जानबूझकर अल्पसंख्यक वर्ग में  भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं, जिससे जगह-जगह पर हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. चाहे असम हो, बंगाल हो, झारखंड हो या बिहार हो, कोई भी राज्य इससे अछूता नहीं है.

इसके लिए देश में सांप्रदायिक द्वेष फैलाने वाली ताकतों की पहचान कर उन्हें रोकने की जरूरत है,  पिछले कुछ घटना का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की, देश के अनेक भागों में हिंदुओं के खिलाफ भीड़ के द्वारा हिंसा और ऐसी बहुत सारी हिंसक घटनाएं सामने आई है, जिससे स्पष्ट है कि एक विशेष समाज उस क्षेत्र में असहिष्णु हो जाता है, जहां उनकी संख्या ज्यादा है.

उन्होंने बिहार के बेगूसराय जिले के नूरपुर में एक धर्म विशेष के 3 गुंडों द्वारा पिस्तौल के दम पर एक घर में घुसकर दलित महिला के साथ दुष्कर्म और बेटी के साथ दुष्कर्म के असफल प्रयास का जिक्र किया, इन तीन अपराधियों में से एक अपराधी अभी भी पीड़ितों को धमकाने का काम कर रहा है ऐसा आरोप है, और इस मामले में वहां की थाना पुलिस भी गुंडों का साथ दे रही है.

आलोक कुमार ने आगे कहा कि किशनगंज में 15 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या और बेगूसराय अनुमंडल के सरैया गांव में रामायण पढ़ने वाले युवकों से मारपीट नालंदा में व्यवसाई द्वारा ओम ध्वज लगाने सहित कई बड़ी घटनाएं हुई है, जिससे पता चलता है कि कहीं ना कहीं इन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रशासन का सहयोग मिल रहा है. इसके साथ ही उन्होंने देश के अन्य राज्यों झारखंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में हिंदुओं पर होने वाले हमले और साजिशों का जिक्र किया.

उनका कहना था कि यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि जब मरने वाला हिंदू होता है तो यह सारे लोग गहरी नींद में सो जाते हैं जो दूसरे धर्म की किसी लोग की मृत्यु होने पर मानवाधिकार का अलाप रागने लगते हैं और दुर्भाग्य से अगर अल्पसंख्यक समुदाय में से कोई व्यक्ति मारा जाता है, तो यह लोग आसमान सर पर उठा लेते हैं. उन्होंने कुछ मीडिया संस्थानों पर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को बदनाम करने का आरोप लगाया.

उनका कहना था कि विश्व हिंदू परिषद कानून और शासन व्यवस्था में विश्वास करती है, और किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने का किसी भी तरह से समर्थन नहीं करती है. पर सवाल यह उठता है जब देश में मोब लीचिंग का शिकार हिंदू होता है तब कोई प्रदर्शन क्यों नहीं होता, तब कोई किसी के अधिकारों की दुहाई क्यों नहीं देता, पूरा देश एकदम से चुप क्यों हो जाता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here