गैर सरकारी संस्था दिल्ली रोजी रोटी अधिकार अभियान की ओर से दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी ई-कूपन धारकों को बृहस्पतिवार शाम तक राशन उपलब्ध करवाए। ये याचिका इस समाज सेवी संस्था ने ई-कूपन धारकों को राशन न मिलने के विरोध में दायर की थी.
इस याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने ये निर्णय
याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार मिश्रा की ये दलील सुनने के बाद लिया जिस मे कहा गया कि,दिल्ली में खासतौर पर सुल्तानपुरी इलाके में ई-कूपन धारकों को राशन नहीं दिया जा रहा है।
दिल्ली सरकार की तरफ से दी गई दलील में कहा गया कि सभी ई-कूपन धारकों को एक सप्ताह के भीतर ही राशन वितरित करा दिया जायेगा. लेकिन दिल्ली सरकार के वकील की इस दलील से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ, और फिर पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह बृहस्पतिवार शाम तक ई-कूपन धारकों को राशन वितरित करवाए। कोर्ट ने साथ ये भी स्पष्ट किया कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो कोर्ट की अवमानना की
प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
ये याचिका गैर सरकारी संस्था दिल्ली रोजी रोटी अधिकार अभियान की ओर से दायर की गई, जिसमें कहा गया था की जिन लोगों के पास राश कार्ड नहीं है, उन्हें राशन नहीं मिल रहा है। जिस के कारण बेआसरा लोगो को खाने की दिक्कत हो रही हैं.
याचिका में मांग की गई की ई-कूपन के बजाये राशन की दुकानों पर ऐसी व्यस्था की जाये जिस से आईडी के आधार पर कूपन वितरित किये जाये, जिससे सभी को बिना परेशानी राशन मिल सके, क्योंकि इस सुविधा का लाभ उन लोगो को नहीं मिल पा रहा है जिन के पास स्मार्ट फ़ोन और इंटरनेट उपलब्ध नहीं है.