प्रदेश में पूर्ण lockdown पर होगा फैसला ? तीरथ सरकार आज ले सकती है बड़ा फैसला , आज मंत्रियों के साथ सीएम की अनौपचारिक बैठक


देहरादून– कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार राज्य में लाकडाउन के विकल्प पर विचार कर सकती है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मंत्रियों के साथ होने वाली अनौपचारिक बैठक में यह प्रमुख मुद्दा हो सकता है। चर्चा है कि कई मंत्री राज्य में लाकडाउन के पक्ष में हैं। मंत्रियों की राय इसलिए भी अहम है, क्योंकि उन्हें कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

केंद्र सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन की पैरवी तो नहीं की, लेकिन राज्यों से कहा है कि वे 10 फीसदी से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में लॉकडाउन पर विचार कर सकते हैं। प्रदेश में अधिकतर जिलों में संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक ही है। कोविड कर्फ्यू के बाद भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार अब सख्त फैसला करने को विवश हो सकती है।दूसरी ओर प्रदेश के कुछ मंत्री अब लॉकडाउन के पक्ष में खुलकर बोल रहे हैं। वन मंत्री हरक सिंह का कहना है कि प्रदेश में हालात सुधर नहीं रहे हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। हरक सिंह का समर्थन कई और मंत्री भी कर रहे हैं।

शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक बुधवार को इस मामले को लेकर बैठक बुलाई गई है। बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। प्रदेश की स्थिति को देखते हुए फैसला किया जाएगा।कोरोना संक्रमण के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं और इसी हिसाब से स्वास्थ्य विभाग पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। सरकार की परेशानी यह है कि संक्रमण बढ़ने के कारण इंतजाम करना भी मुश्किल होता जा रहा है। पिछली कैबिनेट से पहले भी मंत्रियों की और से लॉकडाउन की पैरवी की गई थी। मुख्यमंत्री ने उस समय कोविड कर्फ्यू पर भरोसा जताया था।

मंत्री हरक सिंह रावत जैसे मंत्री पहले ही lockdown की वकालत कर चुके है ।साफ हैै प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जिस तेजी से फैल रही है, उसने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। शहरी क्षेत्रों में तो स्थिति यह है कि अस्पतालों में मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसके साथ ही गांवों में भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले पेशानी पर बल डालने लगे हैं। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्र के गांवों में दिक्कतें बढ़ सकती हैं,

क्योंकि वहां संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर चिकित्सा सुविधाओं की कमी है। इस सबको देखते हुए परिस्थितियों से पार पाने के लिए लाकडाउन के विकल्प को लेकर भी चर्चा तेज होने लगी है।

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