आयुष विभाग ने भेजा पतंजलि को नोटिस। मांगा 1 सप्ताह में जवाब

जहां एक और पतंजलि ने कोरोना की दवा बनाने का ऐलान कर पूरे विश्व को चौंका दिया था। लेकिन अब पतंजलि का यह उत्पाद विवादों में पढ़ता दिख रहा है। कोरोना की दवा के दावे के मामले में उत्तराखंड आयुष विभाग ने बुधवार को पतंजलि को नोटिस जारी कर दिया है। विभाग ने एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है कि किस आधार पर कोरोना दवा बनाने का दावा किया गया। जबकि विभाग की ओर से इम्युनिटी बूस्टर का लाइसेंस दिया गया था।

बिना अनुमति के कोरोनिल दवा का प्रचार प्रसार करने पर भी जवाब मांगा गया है। वहीं आयुष विभाग के आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी के प्रभारी डॉ.वाईएस रावत ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से नोटिस देने के बाद बुधवार को आयुष विभाग की ओर से कोरोना दवा बनाने के दावे पर नोटिस जारी किया गया है।

डॉ. रावत ने बताया कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर बनाने का लाइसेंस दिया गया है, लेकिन पतंजलि ने कोरोना दवा बनाने का दावा किया है।
ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 के नियम 161 व 170 और डीएमआर एक्ट के तहत नोटिस भेजा गया है। जिसमें पतंजलि को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा गया है l पूछा है कि यह दावा किस आधार पर किया गया और बिना अनुमति के दवा का प्रचार प्रसार कैसे किया जा रहा है।

हालांकि केंद्रीय आयुष मंत्री की तरफ से फिलहाल फैसला नहीं होने की बात कहने के बावजूद पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने विवाद खत्म हो जाने की बात कही है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, यह सरकार (केंद्र सरकार) आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है। जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है। क्लीनिकल ट्रायल के जितने भी स्टैंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को 100 फीसदी पूरा किया गया है। इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है

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