उत्तराखंड में प्रवासियों के वापस आने से सभी जिलों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी जिलों की श्रेणी बदलते हुए ऑरेंज जोन कर दी है। इससे अब पहाड़ के उन जिलों में कुछ सख्ती हो सकती है जहां अभी तक ग्रीन जोन की वजह से सभी कुछ सामान्य ढ़ंग से चल रहा था।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से रविवार देर सांय जिलों की श्रेणी नए सिरे से निर्धारित करने के आदेश किए।
लॉकडाउन 4.0 के तहत केंद्र सरकार ने जिलों में जोन निर्धारण का अधिकार राज्यों को दिया है। इसके तहत राज्यों को हर सप्ताह जिलों में कोरोना मरीजों की समीक्षा कर नए सिरे से जोन निर्धारित करने हैं। इसी के तहत अब राज्य के हर जिले में कोरोना मरीज आने की वजह से रविवार को जिलों के जोन बदल दिए हैं। हालांकि किसी भी जिले को रेड जोन में शामिल नहीं किया गया है।
पिछले सप्ताह किए गए जोन निर्धारण में राज्य में सात जिले हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत को ग्रीन जोन में रखा था। जबकि शेष जिले ऑरेंज जोन में रखे गए थे। लेकिन अब सरकार ने सभी 13 जिलों को ऑरेंज जोन में रखा है।
जिला अधिकारियों के अधिकार बढ़ जाएंगे
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले का ग्रीन से ऑरेंज जोन में जाने का मतलब एक एलार्मिंग सिचुऐशन है। ग्रीन और ऑरेंज जोन के नियमों में बहुत अधिक अंतर नहीं है। लेकिन जिला अधिकारियों के अधिकार बढ़ जाते हैं। यदि प्रशासन को लगता है कि किसी जिले में ज्यादा केस आ रहे हैं तो प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा पुलिस चैकिंग आदि बढ़ सकती है। अन्य नियम ग्रीन और ऑरेंज में एक समान हैं।
ग्रीन और ऑरेंज जोन के निमयों में कोई अंतर नहीं है। जो व्यवस्था ग्रीन जोन के लिए थी वहीं ऑरेंज जोन के लिए भी रहेगी। लेकिन यदि जिला रेड जोन में जाता है तो मानकों में दबलाव आएगा। ऑरेंज जोन का मतलब एक तरह से यह है कि जिले में संक्रमण पहुंच गया है और अब सावधान रहने की जरूरत है। राज्य का कोई जिला फिलहाल रेड जोन में नहीं है।