MEIS स्कीम के तहत सरकार ने तय की प्रोत्साहन राशि, विदेश माल भेजने पर एक्सपोर्टर को होगा इतना फायदा

कोरोना वायरस से कारण GST कलेक्शन में कमी आने से आर्थिक तंगी के मुहाने पर खड़ी भारत सरकार ने निर्यात प्रोत्साहन (Export benefits) की सीमा तय कर दी है। अब देश के हरेक निर्यातकों (Exporter) को विदेश अपना माल भेजने पर केवल 2 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा। केंद्र सरकार ने मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (Merchandise Export from India Scheme- MEIS) के तहत 1 सितंबर से 31 दिसंबर, 2020 के बीच किए गए एक्सपोर्ट पर प्रति एक्सपोर्टर को 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि की सीमा लगा दी है।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal, Union Minister of Railways, Commerce and Industry) ने कहा कि सरकार के दो करोड़ रुपये प्रोत्साहन रोशि देने के फैसले से देश के 98% एक्सपोर्टर्स को फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से MSMEs सेक्टर को सबसे अधिक लाभ होगा। पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि सरकार के इस फैसले से मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड (Make in India-Make for the World) को बढ़ावा मिलेगा और MSMEs सेक्टर की ग्रोथ होगी। साथ ही जो वास्तविक एक्पपोर्टर हैं, उनके हितों की रक्षा होगी।

अगर किसी एक्सपोर्टर ने 1 सितंबर 2020 से पहले एक साल तक कोई निर्यात नहीं किया है या जिन एक्सपोर्टर्स ने इस नोटिफिकेशन के प्रकाशन के बाद इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कोड (Import Export Code- IEC) प्राप्त किया है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

इसलिए उठाया कदम
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 1 सितंबर से 31 दिसंबर के बीच अधिकतम 5000 करोड़ रुपये एक्सपोर्ट प्रोत्साहन राशि के रूप में आवंटित किए जाएंगे। अगर इससे अधिक राशि की जरूरत होगी तो इसकी समीक्षा की जा सकती है। मंत्रालय ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट को MEIS की समीक्षा करने का आदेश दिया था।

इसके बाद यह कदम उठाया गया है। MEIS योजना के तहत पहले प्रोत्साहन राशि के लिए 9,000 करोड़ रुपये की सीमा तय की गई थी, जिसे घटाकर अब 5000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस कदम के पीछे सरकार का मकसद राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) को कम करना 

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