Loan moratorium की अवधि खत्म, लेकिन इसे 2 साल तक बढ़ा सकते हैं, जानें तरीका

03 सितम्बर 2020,

लोन मोरेटोरियम (Loan moratorium) की अवधि खत्म हो गई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में अभी इस मामले की सुनवाई चल रही है। कोर्ट यह फैसला करेगी कि moratorium की अवधि को आगे बढ़ाया जाए या नहीं और उस पर बैंक interest वसूल सकती हैं या नहीं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि इसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। बैंक मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाएंगे या नहीं, इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्भर करेगा। वहीं, RBI के रेगुलेशन के हिसाब से भी इसे 2 साल तक के लिए बढ़ा सकते हैं। लेकिन कैसे? जानते हैं इसका तरीका।

अभी क्या है विकल्प

कोरोना वायरस महामारी के कारण लाखों लोगों की नौकरियां गईं और हजारों लोगों के पे कट (pay cut) का सामना करना पड़ा। ऐसे में लोग EMI चुकाने में असमर्थ थे। RBI ने इसके लिए Loan moratorium का सुविधा शुरू की। जिन लोगों ने Loan moratorium के विकल्प को चुना था, उन्हें छह महीने तक ईएमआई (EMI) पेमेंट से छूट मिली थी। लेकिन इस राशि पर उन्हें एक्सट्रा Interest देना पड़ा और उनके क्रेडिट स्कोर (credit score) पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन अब moratorium का अवधि समाप्त हो चुकी है। ऐसे में लोगों के पास EMI छूट को दो साल तक और बढ़ाने का एक विकल्प है। आप RBI की लोन रीस्ट्रक्चरिंग (of loan restructuring) सुविधा के जरिए Loan moratorium की अवधि दो साल तक के लिए बढ़ा सकते हैं, जिसके नियम अभी बनाए जा रहे हैं।

ये लोग बढ़ा सकते हैं moratorium की अवधि

RBI ने सभी पर्सनल लोन लेने वाले लोगों को लोन रीस्ट्रक्चरिंग (loan restructuring) सुविधा के जरिये मोरेटोरियम अवधि बढ़ाने का विकल्प दिया है। लेकिन इसके लिए आपको यह साबित करना होगा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण आपकी नौकरी चली गई है या आपकी सैलरी कम (salary cut) हो गई है। इसके अलावा बिजनेस करने वाले लोगों को यह साबित करना होगा कि वे लोन की किस्त (Loan installment) चुकाने में असमर्थ हैं। इसके अलावा इस सुविधा का लाभ केवल वही लोग उठा सकते हैं जो लोन डिफॉल्टर नहीं हैं। यानी 1 मार्च, 2020 को उनका लोन 30 दिनों से अधिक समय से ओवरड्यू (overdue) नहीं है। अगर मार्च, 2020 तक आप नियमित रूप से EMI जमा कर रहे थे तो इस सुविधा का लाभ उटा सकते हैं।

ये है प्रक्रिया

Loan moratorium की अवधि को दो साल तक बढ़ाने के लिए उपभोक्ताओं को बैंक को वे सारे सबूत देने होंगे जिससे यह साबित हो कि वे EMI चुकाने में असमर्थ हैं। इसके लिए आपको बैंक में अपना टर्मिनेशन लेटर, रेजिगनेशन लेटर, पे कट लेटर और अपना बैंक स्टेटमेंट जमा कराना होगा। इसके बाद आप मोरेटोरियम की अवधि को 2 साल तक बढ़ा पाएंगे। हालांकि, इसका असर आपके सिबिल स्कोर (CIBIL) पर हो सकता है, लेकिन यह उतना नहीं होगा जितना लोन के एनपीए (NPA) हो जाने पर होगा। RBI अभी इस संबंध में नियम बना रही है।

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