सोमवार से उत्तराखंड में कुछ और रियायतें मिलनी शुरू हो जाएंगी। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने होटल, रेस्टोरेंट, शापिंग मॉल और धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। जिलाधिकारी अपने अपने जिलों में इसके लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी करने होंगे।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि आठ जून से प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट, शापिंग माल और धार्मिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके लिए गाइडलाइन जारी की गई है। दिशानिर्देशों के तहत सभी जिले व्यवस्था बनाने के लिए कार्यवाही करेंगे।
नगर निगम देहरादून
नगर निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में आने के बाद ही अनुमति प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार ने देहरादून जिले में कोरोना संक्रमण को देखते हुए नगर निगम देहरादून क्षेत्र में होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति नहीं दी है। सरकार ने कंटेनमेंट जोन के साथ देहरादून नगर निगम क्षेत्र में किसी भी गतिविधि को शुरू करने की अनुमति नहीं दी है।
होटल को खोलने की दी अनुमति
होटल, होम स्टे आदि सेवाओं को खोलने की अनुमति दे दी है।होटल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोविड-19 के प्रति संवेदनशील 75 शहरों में से आने वालों की बुकिंग नहीं की जाएगी। देश के अन्य शहरों से आने वाले अतिथियों के लिए सात दिन तक के लिए बुकिंग होगी। होटल को जिला प्रशासन को प्रत्येक गेस्ट की सूचना देनी होगी। होटल प्रबंधन को प्रत्येक व्यक्ति से लिखकर लेना होगा कि वे पर्यटन स्थल या सार्वजनिक स्थल में नहीं जाएंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग अलग से एसओपी जारी करेगा।
रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल
सरकार ने रेस्टोरेंट और शापिंग मॉल के मालिकों को राहत देते हुए सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दे दी है। शापिंग मॉल मालिकों को लिखित में देना होगा कि एयर कंडिशनर चलाने के लिए सीपीडब्ल्यूडी के मानकों का पालन करेंगे। केवल पचास प्रतिशत दुकानें एक समय में खोली जाएंगी। जिला प्रशासन तय करेगा कि अधिकतम कितने लोग मॉल में एक समय में जा सकेंगे। इसके लिए अलग से एसओपी जारी की जाएगी। रेस्टोरेंट मालिकों को सामाजिक दूरी और सर्विस के दौरान टेबल की दूरी को लेकर भी व्यवस्था बनानी होगी।
धार्मिक स्थल
धार्मिक स्थल सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही खुलेंगे। जिला प्रशासन मंदिरों के ट्रस्ट, बोर्ड और प्रबंधन समितियों से सलाह करने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या तय करेगा कि एस समय में कितने लोग मंदिर में आ सकते हैं।