कोरोना अब एक ऐसा नाम बन चुका है, जिसके बारे में सुनने और पढ़ने से पहले ही एक भय मन में आने लगता है.
दिन प्रतिदिन भयानक होती इस महामारी ने पूरे देश को इस कदर जकड़ रखा है, कि रोज हजारों की तादाद में नए संक्रमित आ रहे हैं, और देश के तीन शीर्ष राज्य जिनके यहां पर सबसे ज्यादा संक्रमित मामले आए हैं उसमें से मुंबई, तमिलनाडु और अब इस क्रम में तीसरे नंबर पर दिल्ली ,गुजरात को पछाड़कर आ चुका है.
शुक्रवार दोपहर तक दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों ने 17000 की संख्या को पार कर दिया. विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में यह मामले और ज्यादा बढ़ने के आसार है, क्योंकि लॉक डाउन में मिली छूट के कारण यह संक्रमण मानव से मानव के शरीर में तेजी से फैल रहा है.
इसी फैलाव के चलते सोमवार से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा जिन्होंने अपने दिल्ली से सटे सभी बॉर्डर पर आम-जन के लिए रोक लगा दी.
केवल अधिकृत लोगों के साथ जिनके पास आने जाने की अनुमति वाला पास था, केवल उन्हें ही जाने दिया जा रहा है.
अब इसी कड़ी में हरियाणा राज्य भी आ गया है, और हरियाणा ने भी दिल्ली से सटे अपने बॉर्डर्स को शुक्रवार से पूर्ण तरह से सील कर दिया है.
जिसमें केवल आवश्यक वस्तुओं, चिकित्सा-स्वास्थ्य से जुड़े लोग और अधिकृत लोगों को ही आने-जाने की आज्ञा दी जा रही है.
आप इस को कोराना का भय ही बोल सकते हैं, जिसके कारण दोनों राज्यों ने अपने यहां पर बॉर्डर को सील कर दिया है.
गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से संस्तुति करने के बाद एस इस निर्णय को लेते हुए सोमवार से यूपी-दिल्ली बॉर्डर को सील किया था. गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना था की हमारे यहां पर बढ़ रहे ज्यादातर केस उन लोगों के हैं जो दिल्ली से आना-जाना कर रहे हैं, इस कारण से हमारे क्षेत्र में कोरोना का प्रसार रोका जा सके, हमने यह निर्णय लिया.
गुड़गांव में 68 नए केस आने के बाद वहां पर प्रशासन में हड़कंप मच गया और उसके बाद तुरंत यह कार्यवाही करी गई. गुड़गांव, फरीदाबाद बॉर्डर हरियाणा सरकार ने बहुत पहले से बंद कर रखा था.
लाकडाउन-4.0 में इसमें कुछ छूट दी गई, जिसके बाद आम लोगों की आवाजाही दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर होने लगी थी. पर अब दोबारा से सीमाओं पर लगी रोक के कारण बहुत संख्या में लोग इस जाम में फंसे रहे और बहुत लोगों को वापस ही लौटना पड़ा
कोरोना के बढ़ते खौफ के कारण दिल्ली के पड़ोसी राज्यों ने अपने यहां के दरवाजे दिल्ली से आने-जाने वालों के लिए फिलहाल सील कर दिए हैं.
इन राज्यों का डर है की, दिल्ली से आने-जाने के कारण उनके सीमाओं से सटे बड़े शहर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद में कोरोना का फैलाव बहुत तेजी से होने लगा है, और यह उसको बहुत अधिक संख्या में बढा सकता है.
एक हद तक अगर आंकड़ों की बात करें तो, बॉर्डर खुलने के बाद से गाजियाबाद नोएडा और गुरुग्राम में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है.
हालांकि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने अपने-अपने यहां बाहर निकलने वाले लोगों के लिए गाइडलाइन जारी की हुई हैं, जिसके तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, मास्क लगाकर निकलना अनिवार्य है, और भी ऐसी काफी सारी साधारण सी गाइडलाइन है, जिनसे आप अपना बचाव कर सकें.
पड़ोसी राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और नोएडा के बॉर्डर को पहले भी सील किया हुआ था, जिसमें गाजियाबाद बॉर्डर को बीच में कुछ दिनों के लिए खोला गया था, और केसों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद इसे सोमवार से दोबारा बंद कर दिया गया. और नोएडा का बॉर्डर 3 मई से लगभग सील ही है.
हरियाणा ने ऐलान किया था 15 मई से दिल्ली से सटे अपने शहरों गुड़गांव और फरीदाबाद की सीमाओं को खोलने का, लेकिन बीते दिनों हरियाणा ने अपने इन शहरों में हुई केसों में बढ़ोतरी के बाद शुक्रवार से बॉर्डर को फिर सील कर दिया.
हरियाणा के मंत्री अनिल विज, नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एल वाई या गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे सभी का मानना और कहना है कि उनके यहां पर बढ़ते केसों का कारण दिल्ली है.
हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा था कि उनके यहां पर मिल रहे 80% केसों का दिल्ली से कनेक्शन है. शुरुआत में कुछ ऐसे केस भी मिले थे जिनका सीधा लिंक दिल्ली से था.
जिसके कारण दोनों राज्यों ने अपने यहां पर पूर्ण तरह से बॉर्डर को आम लोगों के लिए सील कर दिया है, जिसके कारण बॉर्डर के दोनों तरफ बहुत दूर-दूर तक जाम की स्थिति बनी हुई है और लोग बेहाल हैं.