Delhi Special – शराब से कैसे हुई 15 दिनों में दिल्ली सरकार मालामाल.

 

देश भर में लॉक डाउन के कारण देश के राज्यों को आर्थिक स्थिति को काफी नुकसान पंहुचा है, क्योंकि सब कुछ बंद होने के कारण राज्य सरकारों को मिलने वाले टैक्स का संग्रह भी बिलकुल बंद हो गया था, ऐसे में लॉक डाउन 4.0 का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों को विशेष अधिकार दिए और उन से अपने हिसाब से लॉक डाउन में छूट देने की बात कही.

उस के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सब से पहले शराब की दुकानें खोलने का फैसला सोशल डिस्टन्सिंग रखने की शर्तो के साथ लिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्पेशल कोरोना टैक्स के रूप में 70% रेट एमआरपी पर बढ़ा दिया, जिस से चंद दिनों में ही दिल्ली सरकार को मात्र दो हफ़्तों में ही 110 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ.

आबकारी विभाग दिल्ली के आंकड़ों के अनुसार 55 करोड़ का राजस्व दिल्ली सरकार ने 12 मई तक प्राप्त कर लिया था और 21 मई तक ये संग्रह 110 करोड़ तक पहुंच गया.  दिल्ली में लगभग 870 के आसपास शराब की दुकान है जिन में से 150 मॉल और हवाई अड्डे पर है जिन को अभी खुलने की अनुमति नहीं मिली है.दिल्ली में पहले 100 शराब की दुकानें ही खोली गई थी जो अब बढ़ कर 200 कर दी गई है, शनिवार को आबकारी विभाग ने 66 निजी दुकानों को खोलने की अनुमति भी दे दी है, लेकिन साथ ही कहा कि दुकान मालिकों को ओड इवन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। वही कंटेंटमेंट जोन में कोई भी दुकान नहीं खोली जाएगी और ना ही कोई भी शराब की दुकान वहां खोलने की इजाजत होगी। विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में दुकान मालिकों को ऑड इवन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा साथ ही दुकानें सुबह 9 बजे से शाम साढ़े 6 बजे के बीच ही खुल सकेंगी.

दिल्ली सरकार ने दिल्ली में 5 मई से शराब की दुकानें खोलने की अनुमति के साथ विशेष कोरोना शुल्क गया था जिस से दिल्ली सरकार को इतना राजस्व प्राप्त हुआ.

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