नागपुर. आज RSS प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।
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आइए आपको बताते हैं मोहन भागवत के भाषण की बड़ी बातें।
1. स्वयंसेवकों को लगता होगा कि शाखा बंद है, नित्य कार्यक्रम बंद हैं तो संघ का काम बंद। ऐसा नहीं है, संघ का काम चल ही रहा है, बस उसका स्वरुप बदल गया है। – मोहन भागवत
2. प्रचंड रूप से संघ के सेवा कार्य चल रहें है और उसको समाज देख रहा है। स्वयं के प्रयास से अच्छा बनना और समाज को अच्छा बनाना ही अपना काम है। – मोहन भागवत
3. केवल संघ के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी कुछ बातें स्पष्ट हैं। अपने स्वार्थ की पूर्ति या अपना डंका बजाने के लिए हम काम नहीं कर रहे। यह समाज हमारा है, इसलिए सेवा कर रहें हैं। अहंकार को त्याग कर बिना श्रेय के काम करना है। – मोहन भागवत
4. महामारी नई है, उसने कहर मचाया है लेकिन उससे डरना नहीं है। भय को त्याग कर, आत्मविश्वास से इस बीमारी से निपटने के लिए सोच-समझ कर प्रयास करने हैं, जितने दिन बीमारी चलेगी, उतने दिन सेवा और बचाव के कार्य को जारी रखना है। – मोहन भागवत
5. ऊबना नहीं चाहिए, थकना चाहिए। जो-जो पीड़ित हैं, सबके लिए करना है। अपने यहां जिन दवाइयों के निर्यात पर रोक थी, वो हटाके भी भारत ने दूसरे देशों की मदद की, क्योंकि यहीं हमारा विचार है। – मोहन भागवत
6. अच्छाई का प्रचार-प्रसार भी हमें करते रहना है ताकि दूसरे लोग भी प्रेरणा लें। समस्त समाज की सर्वांगीण उन्नति ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। – मोहन भागवत
7. सम्पूर्ण संसार के मुकाबले भारत में अभी तक बहुत अच्छा काम हुआ है क्योंकि तत्परतापूर्वक सभी महत्वपूर्ण कदम प्रशासन ने उठाए और समाज ने सकारात्मक रूप से सभी चीजों का पालन किया। – मोहन भागवत
8. स्वार्थ के कारण “भारत तेरे टुकड़े होंगे” कहने वाले लोग भड़काने का प्रयास भी करते हैं, राजनीति भी बीच में आती है। इसलिए ऐसे लोगो से बचकर रहना है। – मोहन भागवत
9. धर्म का आचरण करने वाले, मानव पर उपकार करने वाले संतों की हत्या पालघर में हो गयी। पुलिस क्या कर रही थी? ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी। संत समाज और विहिप ने श्रद्धांजलि सभा बुलायी है, हम सब संतो की स्मृति में नमन करते हैं। – मोहन भागवत
10. लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े, इसके लिए कई उपाय आयुष मंत्रालय और अन्य संस्थाएं भी बता रहीं है। योग-प्राणायाम, आयुर्वेदिक दवाइयां आदि, ये सब हमें लेनी चाहिए। – मोहन भागवत
11. बहुत से लोग शहरों से अपने गांवों में चले गए, अब फिर से उन लोगों को रोजगार मिलेगा क्या? उनको रोजगार देने वाले लोग सक्षम रहेंगे क्या? ये सब भी सोचना है। हमें स्वावलम्बन की ओर बढ़ना होगा। स्व-रोजगार पैदा करना पड़ेगा। – मोहन भागवत
12. यहां की बनी चीज़ों का ही उपयोग करेंगे। स्वदेशी का आचरण करना पड़ेगा। स्वदेशी के प्रोडक्ट भी उच्चतम गुणवत्ता के हों, इसपर काम करना पड़ेगा। विदेशों पर निर्भर न रहें, इसका प्रयास करना पड़ेगा। – मोहन भागवत
13. हम सब अनुभव कर रहें है कि पर्यावरण बहुत शुद्ध हुआ है, क्योंकि कुछ क्रियाक्लाप बंद हो गए है। लॉकडाउन खुलने के बाद हम प्रयास करें कि प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे, रसायनिक खेती नहीं करेंगे, स्वछता पर ध्यान देंगे। – मोहन भागवत
14. शासन को संस्कार मूल्क शिक्षा नीति को जल्द लाना पड़ेगा। यह बहुत जरूरी है। भविष्य के लिए यह संकट बहुत कुछ बता कर जा रहा है। – मोहन भागवत
15. हमारी भूमिका विश्व में और अपने देश में अब यहीं है कि इस संकट को अवसर बनाकर हम एक नए भारत का उत्थान करें।