पौराणिक काल से ही भारत अपने विज्ञान के मामले में पूरी दुनिया में चर्चित रहा है। अनेक पौराणिक कथाओं में इसकी चर्चा भी की गई है। हमारे देश के 5000 साल पुराने विज्ञान यानी आयुर्वेद को दुनिया मानती है।
हमारे पूर्वज जो कि सैकड़ों वर्षों से जड़ी-बूटियों और प्रकृति से मिली चीजों से ही बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज करते आए हैं वह परंपरा आज भी भारत में कायम है। जहां आयुर्वेद की बात की जाए वहां पर पतंजलि का नाम भी उच्च स्थान में आता है।
ऐसे में पतंजलि ने एक ऐसा उपाय बताया है जिससे कोरोना रोग शत-प्रतिशत ठीक हो जाएगा। कोरोना महामारी ने इस समय पूरे विश्व को संकट में डाला हुआ है। पूरा विश्व इसकी चपेट में है और इसका अब तक कोई भी इलाज नहीं मिल पाया है। एक तरफ विश्व के तमाम वैज्ञानिक, तमाम डॉक्टर्स इस वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन की तलाश में हैं वहीं पतंजलि ने एक बड़ा दावा किया है जिसके बाद तमाम लोगों की हां हां! नजरें उस पर टिकी हुई हैं।
पतंजलि ने दावा किया है कि कोरोना का इलाज उन्होंने ढूंढ निकाला है। एक न्यूज़ वेबसाइट के अनुसार विश्व प्रसिद्ध, योगगुरु और पतंजलि कंपनी के संस्थापक बाबा रामदेव ने यह दावा किया है कि कोरोना संक्रमण के लिए गिलोय एवं अश्वगंधा का प्रयोग 100% प्रभावशाली है। उन्होंने बताया कि अश्वगंधा और गिलोय के सेवन से हजारों कोविड-19 के संक्रमण से ग्रसित मरीजों में से 80% बिल्कुल स्वस्थ्य हो गए हैं। संस्थापक बाबा रामदेव का कहना है कि आयुर्वेद इतना प्रभावशाली और शक्तिशाली है कि इस संक्रमण का इलाज कर सकता है। इतने बड़े दावे के बाद हर तरफ चर्चाएं शुरू हो गई है। शुरुआती स्तर पर इसका परीक्षण चल रहा है। कुछ दिनों में चीजें स्पष्ट की जाएंगी कि बाबा रामदेव का गिलोय और अश्वगंधा का सेवन का फॉर्मूला क्या वाकई कोरोना को मात दे पाएगा।
वहीं अश्वगंधा और गिलोय के गुणों के ऊपर एक नजर डालें तो दोनों ही चीजें हमारी इम्युनिटी को बढ़ाती हैं और कोरोना को केवल शक्तिशाली इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता ही ध्वस्त कर पाती है। वहीं आइआइटी दिल्ली के वैज्ञानिकों के समूह ने जापान के कुछ वैज्ञानिकों के सहयोग से यह पता लगाया है कि अश्वगंधा के अंदर कोरोना से लड़ने की क्षमता है। कुल मिला कर पतंजलि का यह गिलोय और अश्वगंधा का फॉर्मूला कोरोना को हराने के लिए अनोखा रामबाण है। देखना ये है कि क्या वास्तव में पतंजलि का ये दावा सच साबित होता है या नहीं।