गृह मंत्री अमित शाह ने देश की राजधानी दिल्ली के हालात पर लेकर एक बयान में कहा कि दिल्ली में अब तक कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में उनकी देश के तीन वरिष्ठ डॉक्टर से बात हुई है और सभी का मानना है कि दिल्ली में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है और इसके साथ ही दिल्ली के लोगों में कोरोना को लेकर डर पैदा करने के लिए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को उन्होंने जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि सिसोदिया के इस बयान से डर पैदा हुआ था कि “दिल्ली में जुलाई माह के अंत तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 5.5 लाख के पार पहुंच जाएगी और इसी बयान के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली सरकार की मदद करने को कहा था. उसके बाद दिल्ली में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए कोआर्डिनेशन मीटिंग में कई कदम उठाए और इसी के तहत दिल्ली में कंटेनमेंट जोन में प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाएगी।
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि यही मॉडल अब एनसीआर में भी लागू किया जाएगा और इसके बारे में वह उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से बात करने वाले हैं।
दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के इलाज में बदइंतजामी की कई शिकायतें आ रही थी और हमने एम्स में एक हेल्प लाइन बनाई हैं।
अमित शाह ने आगे कहा कि अंतिम संस्कार के लिए करीब 350 शव पड़े हुए थे, और हमने तय किया कि 2 दिनों के अंदर सभी शवों को उनके धर्मों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा. अब एक भी शव नहीं बचा है। अब जिस दिन मरीज की मृत्यु होती है उसी दिन उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया जाता है।
एलएनजेपी अस्पताल के अपने दौरे पर उन्होंने कहा कि इससे जनता का भरोसा और स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला बढ़ा है और उन्होंने नर्सों के साथ मिलकर उनकी समस्या को समझा. उनके लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है और हर कोरोना वार्ड में सीसीटीवी लगाया है, उसके साथ ही किचन के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।