विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त वापसी की है. इसके चलते बीते सात सत्रों में मार्च में निकाली गई रकम का 40 फीसदी हिस्सा भारतीय बाजारों में लौट आया है. अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे खुलने और जोखिम भरे एसेट्स में बढ़ी दिलचस्पी की वजह से उनके रुख में बदलाव आया है.
बीते सात सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में करीब 23,000 करोड़ रुपये ($3 अरब) का निवेश किया है. मार्च में उन्होंने बाजार से 58,600 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी, जबकि अप्रैल में 4,100 करोड़ रुपये निकाले थे.
भारत में खरीदारी की रफ्तार दक्षिण कोरिया और ताइवान जैस अन्य उभरते हुए बाजारों की तुलना में अधिक थी. इन बाजारों में विदेशी निवेशकों ने क्रमश: $34.53 करोड़ और $85.3 करोड़ का निवेश किया. जापान ने उन्होंने $35.2 करोड़ निकाले. अप्रैल से ही विदेशी निवेशक भारतीय बाजार पर फिदा नजर आ रहे हैं.
कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी निलेश शाह ने कहा कि बाजार में अच्छी ग्रोथ दिखाने वाली कंपनियों के प्रति ध्रुवीकरण जारी रहने वाला है. उन्होंने कहा, “शेयर बाजार की ज्यादातर खरीरादी चुनिंदा शेयरों में ही की जा रही है. विदेशी निवेशकों की पूंजी ज्यादातर बढ़िया कंपनियों में जा रही है और यह रूझान जारी रहेगा.”
शाह का मानना है कि व्यापक बाजार में तेजी आने में समय लग सकता है. इसमें घरेलू निवेशकों की भूमिक अधिक होगी. बीते सात दिनों में बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा स्टील, ओएनजीसी और टाइटन कंपनी के शेयरों ने 10 से 23 फीसदी तक की छलांग लगाई है.
बीते सात सत्रों में निफ्टी 50 इंडेक्स ने 9 फीसदी तक की बढ़त दिखाई है, जबकि सेंसेक्स 6.4 पीसदी मजबूत हुआ है. मार्च के निचले स्तरों तक सेंसेक्स ने 15 फीसदी तक की मजबूती दिखाई है और निफ्टी 16 फीसदी तक मजबूत हुआ है.
विदेशी निवेशकों ने मार्च में 58,600 करोड़ रुपये और अप्रैल में 4,100 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. ब्लॉक डील्स के चलते मई में विदेशी निवेशकों ने 12,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की. मार्च के निचले स्तरों से वैश्विक बाजार में भी तेजी भर रहे हैं क्योंकि सरकारी लॉकडाउन में ढील और राहत पैकेज का ऐलान कर रही हैं.
इंवेस्को को पूर्व वाइस चेयरमैन और उभरते हुए बाजारों के निवेशक कृष्ण मेमानी ने कहा, “भारत में विदेशी निवेश में वृद्धि रिकवरी के संकेत दर्शाता है और इसकी भारतीय वजहों से सीधा संबंधन नहीं है. अमेरिका में इक्विटी बाजार महंगे हो रहे हैं और इस वजह से निवेशक अन्य विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.”
अमेरिकी शेयर बाजार का सूचकांक एसएंडपी 500 इंडेक्स 23 मार्च के निचले स्तरों से करीब 40 फीसदी तक ऊपर है और साल 2020 में सिर्फ दो फीसदी तक लुढ़का है. विश्लेषकों का मानना है कि सूचकांक परिचालकों द्वारा भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के बाद घरेलू बाजार में $3 से $7 अरब तक का निवेश बढ़ सकता है.
मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशन इक्विटीज के सीईओ रजत राजगढ़िया ने कहा, “वैश्विक स्तर पर बाजार जबरदस्त वापसी कर रहे हैं और तमाम प्रमुख बाजार अपनी गिरावट की भरपाई कर चुके हैं, मगर निफ्टी अब भी 15 फीसदी तक नीचे हैं. कई कंपनियों की बड़ी डील की वजह से विदेशी निवेश आया है.”
शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक