रविवार को अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। उत्तराखंड के सीएम ने अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं के साथ हुई बैठक में ज्योतिष गणना के अनुसार ही महाकुंभ कराने की उनकी मांग पर मुहर लगा दी है।अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरीगिरी महाराज ने सीएम को बताया कि उनकी सभी अखाड़ों के संतों के साथ चर्चा हुई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह साफ कर दिया है कि महाकुंभ 2021 में ही आयोजित होगा।
सभी ने इस बात पर सहमति दी है कि ज्योतिष गणना के अनुसार महाकुंभ मेले का आयोजन निर्धारित समय पर ही हो। इसका स्वरूप क्या होगा और किस स्तर तक होगा, इस पर सरकार अगले वर्ष तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले।
साधु महात्माओं ने सहमति जताई है कि सरकार उस समय जो भी निर्णय लेगी, वह अखाड़ा परिषद को मान्य होगा। मुख्यमंत्री ने सहयोग के लिए अखाड़ा परिषद का आभार जताते हुए कहा कि परंपराओं का ध्यान रखते हुए अगले वर्ष कुंभ मेले का आयोजन समय पर ही होगा।
फरवरी में उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप संत महात्माओं के मार्ग दर्शन से मेले का स्वरूप तय किया जाएगा। वहीं, उन्होंने कहा कि स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्य चलते रहेंगे। बताया जा रहा है कि कुछ साधु-संतों की ओर से यह मांग की जा रही थी कि कोरोना को देखते हुए महाकुंभ एक साल के लिए टाल दिया जाए।