देहरादून के पत्रकार को किया गया गिरफ्तार l राजद्रोह और सरकार अस्थिर करने का लगा आरोप

नेहरू कालोनी थाने में पत्रकार उमेश शर्मा और अमृतेश चौहान पर राजद्रोह समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पत्रकार पर अन्य लोगों के साथ मिलकर सरकार अस्थिर करने का प्रयास और सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन में सरकार के प्रति झूठ फैलाने का आरोप है। मुकदमे में उमेश शर्मा और अमृतेश चौहान को भी आरोपी बनाया गया है।

शुक्रवार की रात्रि में ही राजेश शर्मा निवासी सुमननगर चोरखाला को घर से गिरफ्तार किया गया। डीआईजी ने बताया कि अन्य लोगों की गिरफ्तारी को प्रयास किए जा रहे हैं। राजेश को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि 31 जुलाई को सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा. हरेंद्र सिंह रावत निवासी डिफेंस कालोनी की तहरीर पर कार्रवाई की गई है l

डा. रावत की तहरीर के अनुसार उन्हें परिचित ज्योति विजय रावत ने जानकारी दी कि उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया में एक वीडियो अपलोड किया है। वीडियो में बताया गया कि डा. रावत तथा उनकी पत्नी सविता रावत के बैंक खातों में नोटबंदी के दौरान झारखंड निवासी अमृतेश चौहान ने धनराशि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को देने के लिए भेजी थी।

इसके बदले अमृतेश को झारखंड गो सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने का दावा था। सविता को सीएम की बड़ी बहन होने का दावा किया गया था। कहा कि उमेश शर्मा व अमृतेश चौहान द्वारा अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश के तहत डा. रावत के बैंक खाते और निजी सूचनाओं को सार्वजनिक किया।

इसकी जांच सीओ नेहरू कालोनी पल्लवी त्यागी ने कर रिपोर्ट सौंपी थी। जांच में पाया कि उमेश शर्मा द्वारा अमृतेश चौहान, शिव प्रसाद सेमवाल तथा राजेश शर्मा के साथ मिलकर पोर्टल और अन्य में असत्य, निराधार व कपटपूर्ण खबरें प्रसारित की और सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here