नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की लोकेशन उत्तराखंड के देहरादून के ऊपर फिक्स है। जहां इसे 16 जून तक शाम के समय देखा जा सकेगा। दून में कई लोगों ने इस स्पेस स्टेशन को देखने का दावा भी किया है l लॉकडाउन के कारण धरती पर भले ही गतिविधियां थमा हो मगर सैकड़ों किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में हलचल चल रही है। अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र(यूसैक)ने भी इसकी पुष्टि की है।
अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन की लोकेशन 31 मई से उत्तराखंड के ऊपर बनी हुई है। नासा ने स्पेस स्टेशन के रास्ते में पड़ने वाले शहर की सूची में देहरादून का नाम दर्ज किया है। नासा ने इसका पूरा विवरण अपने वेबसाइट https://spotthestation.nasa.gov/tracking_map.cfm में दिया है।
31 मई से यह दून से दिखना शुरू हुआ है। तीन जून की रात को पांच मिनट के लिए दिखा। चार जून को एक मिनट और पांच जून को तीन मिनट के लिए दिखा। जबकि शनिवार को यह शाम 7:49 को एक मिनट और रात 9:22 मिनट पर दो मिनट के लिए दिखाई दिया।
तकनीकी विवि में कार्यरत अरविंद सिंह रावत समेत रोहन जोशी, शोभना रावत स्वामी, नवीन चंद्रा ने इसे अपनी घर की छत से देखने का दावा किया है। अरविंद ने बताया यह एक सामान्य तारे की भांति गतिमान दिखता है और अपने पीछे एक लम्बी लकीर छोड़कर चलता है। जिससे यह आसानी से नजर आ जाता है।
विज्ञान के छात्रों के लिए यह नजारा खासा दिलचस्प है। नासा ने स्पेस स्टेशन का ट्रैकर मानचित्र भी दिया है। जिससे यह पता चल जाता है कि स्पेस स्टेशन इस समय किस देश से गुजर रहा है। हम जीपीएस से स्पेस स्टेशन व सेटेलाइट का ट्रैक रिकार्ड देख रहे हैं।
डा.एमपीएस बिष्ट, निदेशक उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र।
इस समय देखें
रविवार शाम 8:35 बजे तीन मिनट के लिए
सोमवार शाम 7:50 बजे दो मिनट के लिए
बुधवार शाम 7:51 बजे एक मिनट के लिए
क्या है अंतरिक्ष स्टेशन
अंतरिक्ष स्टेशन 15 साल से अंतरिक्ष में संचालित हो रहा है। यह चमकीले तारे की तरह दिखता है जिसका आकार फुटबाल मैदान जितना है। पृथ्वी परिक्रमा के साथ भविष्य के संदर्भ में अंतरिक्ष से जुड़े शोध करता रहता है। जमीन से 429 किलोमीटर ऊपर स्टेशन हर नब्बे मिनट में धरती का चक्कर पूरा करता है।
सामान्य हवाई जहाज जहां छह सौ मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हैं वहीं अंतरिक्ष स्टेशन 17500 मील(27551 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है। सूर्य के प्रकाश से रिफलेक्ट होने की वजह से इसे सिर्फ सुबह या शाम को कम रोशनी में ही देखा जा सकता है। स्पेस स्टेशन में रहने वाले अंतरिक्ष यात्री इसकी बदौलत हर दिन 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देख पाते हैं।