लॉकडाउन के बीच एक बेहद ही शर्मनाक वाकया सामने आया है। एक बेटी ने फिर से खुद को आग में झोंकने की कोशिश की। सवाल एक बार फिर से खड़ा होता है कि क्या उत्तराखंड में बेटियां सुरक्षित हैं? क्या उत्तराखंड में बेटियां खुद को कभी सुरक्षित महसूस कर सकेंगी? मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि यहां एक किशोरी ने दुष्कर्म से परेशान होकर और आहत होकर खुद को आग में झोंकने की कोशिश की। वो इसलिए क्योंकि दरिंदे द्वारा उसके जिस्म को नोंचने की कोशिश की गई थी। बुरे तरीके से झुलसी युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बेटी के पिता ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस की जांच रिपोर्ट इस मामले में क्या कहती है
पुलिस ने कानून की कई धाराओं और पोक्सो एक्ट के तहत नाथूराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का इस मामले में कहना है कि मुनस्यारी की 17 साल की किशोरी के साथ लॉक डाउन के दौरान यानी 29 अप्रैल को एक युवक ने दुष्कर्म किया था। इसके बाद युवती मानसिक रूप से इतनी परेशान हो गई उसने खुद को घर में बंद कर दिया और इसके बाद खुद को आग लगा ली। इसके बाद पूरे घर में हड़कंप मच गया। परिवार वालों ने जैसे-तैसे उसे बचाया तो सही लेकिन वो बहुत ही बुरे तरीके से झुलस गई। बताया जा रहा है कि किशोरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस द्वारा किशोरी का बयान लिया गया है और किशोरी के पिता ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है की नाथूराम नाम के युवक ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। सिर्फ इतना ही नहीं दुष्कर्म का विरोध करने पर युवती को पीटा भी गया।