नोएडा – गर्भवती महिला और उसके शिशु की मौत के जिम्मेदार सभी आठ अस्पतालों पर डीएम सुहास एलवाई ने करी कार्रवाई

बीते सप्ताह शुक्रवार को नोएडा के खोड़ा गांव की निवासी एक गर्भवती महिला की मौत के बारे में सरकारी सिस्टम किस कदर गैर जिम्मेदार रहा, इसकी पोल नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एलवाई की तरफ से कराई गई जांच के बाद खुलकर सामने आई है.

इस जांच में जिला अस्पताल की सीएमएस, ईएसआई के निदेशक, जिम्स का स्टाफ और इसके अलावा निजी पांच अस्पतालों की लापरवाही मिली है, और जिलाधिकारी ने सभी को इस जांच रिपोर्ट के अनुसार दोषी मानते हुए कार्यवाही करने की संस्तुति की है ,और इन पांचों निजी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

आपको बता दें कि बीते सप्ताह शुक्रवार सुबह 6:00 बजे नोएडा के खोड़ा निवासी एक 8 माह की गर्भवती महिला नीलम को उसके परिवार वालों ने तबियत बिगड़ने पर पहले ईएसआई जिला अस्पताल, शिवालिक अस्पताल, जेपी अस्पताल, शारदा अस्पताल, जिम्स और गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल ले गए थे.

परिवार वालों का आरोप था कि इन सभी जगह इलाज ना मिलने के कारण रात को ही नीलम और गर्भस्थ शिशु ने दम तोड़ दिया.

इस खबर के बाद की जानकारी के बाद जिलाधिकारी ने एडीएम वित्त मुनींद्र नाथ उपाध्याय और सीएमओ डॉ दीपक ओहरी को इस मामले की जांच सौंप दी थी और जांच टीम ने 2 दिन तक विभिन्न अस्पतालों से दस्तावेज जुटाए और कर्मियों के बयान दर्ज किए.  इन दस्तावेज और बयानों के आधार पर जिला प्रशासन ने गर्भवती महिला की मौत के मामले में बरती गई लापरवाही सार्वजनिक की है।

इस जांच में सबसे खराब रवैया ईएसआई अस्पताल के अफसरों और स्टाफ का सामने आया है  इस रिपोर्ट के अनुसार सेक्टर 24 स्थित ईएसआई अस्पताल में सारी सुविधाएं वह वेंटिलेटर की उपलब्धता के बावजूद भी गर्भवती महिला नीलम का इलाज ना कर जिम्स रेफर करके एंबुलेंस से जिला अस्पताल के बाहर छोड़ दिया गया था, जिला अस्पताल के किसी कर्मचारी व्यवस्था ने रिसीव तक नहीं कराया।

जिलाधिकारी ने अस्पताल के निदेशक इलाज में रेफर करने वाले चिकित्सक एंबुलेंस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश के लिए प्रमुख सचिव श्रम उत्तर प्रदेश शासन और सचिव श्रम भारत सरकार के साथ डीजी राज्य कर्मचारी जीवन बीमा निगम से की है।

इस जांच से पता चला कि यदि कोई मरीज वहां इलाज नहीं करा सकता था तो उसकी जिम्मेदारी वहां पर उपस्थित संविदा कर्मी पर ना होकर, किसी जिम्मेदार अवसर पर होनी चाहिए थी, और उन कर्मचारियों ने किसी अफसर को बिना बताए ही मरीज को वापस भेज दिया।

जिलाधिकारी ने सभी को आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को सीएमएस का तबादला अन्य स्थान पर करने के लिए लिखा है और जांच में गाजियाबाद के निजी अस्पताल की लापरवाही सामने आने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए नोएडा  के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को लिखा है

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