फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बैंकों को कहा है कि 3C- यानी CBI, CVC और CAG के डर के बगैर योग्य लोगों को ऑटोमैटिक लोन बांटने का काम करें।
सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों और फाइनेंशिलयल इंस्टिट्यूशन (financial institutions) के CEOs और MDs के साथ मीटिंग में साफ तौर पर निर्देश दिया है कि बैंको लोन देने में डरना चाहिए। क्योंकि सरकार द्वारा 100 फीसदी गारंटी दी जा रही है।
BJP नेता नलिन कोहली (Nalin Kohli) के साथ एक बातचीत सीतारमण ने कहा कि डिफॉल्ट के मामले में व्यक्तिगत बैंक या अधिकारी को नहीं पकड़ा जाएगा। सीतारमण ने कहा, कल, मैंने दोहराया कि अगर कोई निर्णय गलत हो जाता है, और अगर कोई नुकसान होता है, तो सरकार ने 100 प्रतिशत गारंटी दी है। यह व्यक्तिगत अधिकारी और बैंक के खिलाफ नहीं जाने वाला है। अत: बिना किसी डर के उन्हें इसे ऑटोमैटिक रास्ता अपनाना चाहिए कि सभी योग्य लोगों को आसानी से लोन मिल सके।
फाइनेंस मिनिस्टर की इस पूरी बातचीत को पार्टी सोशल मीडिया अकाउंट में अपलोड किया गया है।
सरकार ने 20.97 लाख करोड़ रुपये के इकोनोनॉमिक पैकेज में MSME सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपये इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme-ECLGS) की घोषणा की है। जो कोरोना वायरस संकट के कठिन दौर से गुजर रहा है। यह कहा जा रहा है कि बैंकिंग सेक्टर में थ्री-सी (3Cs) यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो – (Central Bureau of Investigation- CBI), केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission- CVC) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Audit General -CAG) द्वारा अनुचित उत्पीड़न की आशंका के कारण फैसले प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने इन आशंकाओं को दूर करने के लिये कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने उन आशंकाओं को दूर करने के ले कई कदम उठाए हैं। इन कदमों में कुछ ऐसी अधिसूचनाओं को वापस लेना भी शामिल है, जो बैंकरों में डर पैदा कर रहे थे।
फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि मैंने पिछले सात-आठ महीनों में कम से कम तीन बार बैंकों से कहा है कि उनके मन में ट्रिपल-सी का डर नहीं होना चाहिए।
शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक