आगरा: चंद दिनों में ही संक्रमण के मामले में आगरा शतक पूरा कर रहा है। सूबे में कोरोना संक्रमण के मामले में टॉप पर चल रहे आगरा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार समीक्षा कर रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 22 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन को सोमवार को 50 दिन हो गए। इस अवधि में आगरा का हाल रोजाना बिगड़ता ही रहा। रविवार को स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों पर ठीकरा फूटा भी। उनको डीएम और कमिश्नर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया पर क्या इतना भर होने से संक्रमण रूक पाएगा, शायद नहीं। जिस शहर में 50 दिन के लॉकडाउन में राशन की होम डिलीवरी का सिस्टम नहीं बन पाया, मुहल्लों में मुनाफोखोरी नहीं रुक पाई, जनता को एक अदद मास्क और सेनेटाइजर नहीं उपलब्ध हो पाया, उस शहर में कोरोना जैसी महामारी कैसे रूक जाएगी, यह सवाल अब हर आम नागरिक के मन को मथ रहा है। शासन ने फिर पांच नए अफसरों से सजी नई टीम को आगरा भेजा है। यह तो आने वाले समय में पता चलेगा कि क्या प्रभावी कदम उठाते हैं, बरहाल, आगरा कोरोना संक्रमितों के मामले में 800 के आंकड़े की दहलीज के करीब पहुंच चुका है।
ताजनगरी में रविवार देर रात आए आंकड़ों के मुताबिक कुल संक्रमितों की संख्या 752 पहुंच चुकी है। मृतक संख्या 25 और ठीक होकर घर लौटने वालों की तादाद बढ़कर 326 पर है। रविवार को दिनभर में नौ नए पॉजीटिव केस सामने आए। वहीं सेंट्रल जेल में 12 कोरोना संदिग्ध हैं। दरअसल सेंट्रल जेल में झांसी के रहने वाले 60 वर्षीय सजायाफ्ता बंदी को उच्च रक्तचाप और ब्रेन स्ट्रोक होने पर तीन मई को एसएन में भर्ती कराया, यहां कोरोना की पुष्टि के बाद शनिवार को मौत हो गई थी। बंदी के साथ बैरक में 14 अन्य सजायाफ्ता भी निरुद्ध थे। इन सभी को सात मई को ही विशेष बैरक में क्वारंटीन किया जा चुका है। उक्त बैरक में तैनात बंदी रक्षकों, हेड वार्डन और समेत अन्य स्टाफ को चिन्हित करके उन्हें भी क्वारंटीन किया गया है। जेल अधिकारियों ने सात मई को स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाकर सभी बंदियों और स्टाफ का कोरोना टेस्ट कराने के लिए सैंपल दिया था। शनिवार को इनमें से दो बंदी और जेल स्टाफ के दस लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आयी। इससे जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली थी। मगर, 12 बंदियों की रिपोर्ट रविवार की देर शाम को पॉजीटिव आने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि सभी को छह मई से ही विशेष बैरक में क्वारंटीन कर दिया गया था। उक्त सर्किल किसी को बंदी और जेल के स्टाफ को आने-जाने की इजाजत नहीं है। रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद जेल स्टाफ को पीपीई किट उपलब्ध कराई गयी है।बंदियों को दवा और खाना देने के लिए इसे पहनने के बाद ही स्टाफ जा सकेगा। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम रविवार को सेंट्रल जेल पहुंची। उसने सजायाफ्ता सभी 12 बंदियों का कोरोना टेस्ट करने के लिए दोबारा सैंपल लिया है। उधर, एसएन के स्त्री रोग विभाग की 24 साल की जूनियर डॉक्टर में कोरोना की पुष्टि हुइ है। यहां की ही 35 साल की वार्ड आया की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं, राशन डीलर में भी कोरोना की पुष्टि हुई है।
