जब बिहार के गाँवों में सूरज के अस्त होने के साथ लाखों महिलाएँ नदी किनारे खड़ी होती हैं, तो देश के बैंकिंग सिस्टम भी उनके साथ रुक जाता है। आरबीआई ने 23 नवंबर 2025 को जारी अपनी आधिकारिक छुट्टियों की सूची में चहथ पूजा 2025 के लिए बिहार और झारखंड में 27 और 28 अक्टूबर को दो दिन की बैंक छुट्टी की घोषणा की है। ये दिन क्रमशः संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के दिन हैं — जब भक्त निर्मल पानी में खड़े होकर सूर्य देव और छठी मैया को प्रणाम करते हैं। ये छुट्टियाँ केवल एक धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक त्योहारों में से एक के लिए आर्थिक जीवन की एक अनूठी रुकावट हैं।
चहथ पूजा केवल एक पूजा नहीं, बल्कि एक अनुष्ठान है जिसमें नियमों का पालन इतना कठोर होता है कि इसे दुनिया के सबसे कठिन धार्मिक अनुष्ठानों में से एक माना जाता है। भक्त तीन दिन तक निर्जला उपवास रखते हैं, केवल पानी और फल खाते हैं, और अर्घ्य देने के लिए नदी किनारे घंटों तक खड़े रहते हैं — बर्फ जैसी ठंड में, बिना जूते के। यह त्योहार बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाता है, लेकिन यह नेपाल के दक्षिणी क्षेत्रों तक फैला हुआ है। आरबीआई के अनुसार, इसके कारण बैंकिंग सेवाएँ रुक जाती हैं, क्योंकि यह त्योहार इतना गहरा सामाजिक और सांस्कृतिक अनुभव है कि इसके दौरान बैंकों में काम करना असंभव हो जाता है।
यहाँ विवाद है — और यह विवाद जानकारी की नहीं, बल्कि समय की है। बिहार में 27 और 28 अक्टूबर को बैंक बंद होंगे, लेकिन एक अतिरिक्त छुट्टी 8 नवंबर को भी है। झारखंड केवल 27 अक्टूबर को बंद रहेगा। इसके विपरीत, असम और पश्चिम बंगाल 7 नवंबर को छुट्टी मनाएँगे। क्यों? क्योंकि चहथ पूजा हिंदू चांद्रमान के अनुसार मनाई जाती है — और अलग-अलग स्थानों पर चंद्रमा के दृश्य भिन्न होते हैं। कुछ स्थानीय पंचांग इसे अक्टूबर के अंत में रखते हैं, तो कुछ नवंबर के शुरुआती दिनों में। इसलिए बैंक छुट्टियाँ भी इसी के अनुसार अलग-अलग होती हैं।
कोई चिंता नहीं — आपका पैसा बंद नहीं हो रहा। आरबीआई के अनुसार, बैंक की भवनों के बाहर का सारा डिजिटल इकोसिस्टम पूरी तरह चलता रहेगा। यूपीआई, मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन ट्रांसफर, और एटीएम सेवाएँ बिल्कुल नॉर्मल रहेंगी। द इकोनॉमिक टाइम्स ने स्पष्ट किया कि ग्राहकों को इन दिनों डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। बैंकिंग अधिकारियों के अनुसार, 2024 में चहथ पूजा के दौरान यूपीआई लेनदेन 42% बढ़ गए थे — जिससे पता चलता है कि भारतीय आम आदमी अब अपनी पारंपरिक आदतों के साथ डिजिटल सुविधाओं को भी जोड़ रहा है।
नहीं। सभी सार्वजनिक और निजी बैंक, और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक आरबीआई की छुट्टियों का पालन करते हैं। लेकिन सहकारी बैंकों के लिए यह अनिवार्य नहीं है। कुछ सहकारी बैंक, खासकर गाँवों में, अपने स्थानीय त्योहारों के अनुसार छुट्टी दे सकते हैं — या नहीं भी दे सकते। इसलिए, अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं, तो अपने स्थानीय बैंक की वेबसाइट या ऐप चेक कर लें। इसके अलावा, दो शनिवार — 8 नवंबर और 22 नवंबर — आम तौर पर बैंकों के लिए छुट्टी के दिन होते हैं, लेकिन ये चहथ पूजा से अलग हैं।
अगले हफ्ते, जब बैंक खुलेंगे, तो लाखों लेनदेन एक साथ आएंगे। आरबीआई ने पहले ही बैंकों को डिजिटल लेनदेन के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की सलाह दी है। एक बैंकिंग विश्लेषक ने बताया कि 28 अक्टूबर को यूपीआई ट्रांजैक्शन्स एक दिन में 350 करोड़ से अधिक हो सकते हैं — जो एक असामान्य उछाल होगा। इसलिए, जब बैंक खुलेंगे, तो बैंक शाखाओं में लंबी लाइनें देखने को मिलेंगी। लेकिन आज का भारत उस भारत नहीं है जो चहथ पूजा के दिन बैंक जाता था। आज वह अपने फोन से अर्घ्य देता है — और अपने पैसे भी।
हाँ, बिहार में दो बार छुट्टी है — एक अक्टूबर में, और एक नवंबर में। यह एक अजीब लग सकता है, लेकिन यह वास्तविकता है। कुछ गाँवों में चहथ पूजा का मुख्य दिन 27-28 अक्टूबर को मनाया जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर यह 7-8 नवंबर को मनाया जाता है। यह अंतर पंचांगों के अनुसार होता है — जिन्हें अलग-अलग गुरु और ज्योतिषी तैयार करते हैं। इसलिए बिहार सरकार ने दोनों दिनों को छुट्टी घोषित कर दिया है — ताकि कोई भी भक्त अपने विश्वास के अनुसार त्योहार मना सके। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता का एक सुंदर उदाहरण है।
बैंक की शाखाएँ बंद रहेंगी, लेकिन यूपीआई, मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन ट्रांसफर और एटीएम सेवाएँ पूरी तरह चलती रहेंगी। आरबीआई ने इन दिनों डिजिटल लेनदेन के लिए अतिरिक्त बैंडविड्थ और सुरक्षा व्यवस्था जोड़ने का निर्देश दिया है। 2024 में चहथ पूजा के दौरान यूपीआई लेनदेन 42% बढ़े थे — जिससे पता चलता है कि डिजिटल भुगतान अब एक आम विकल्प बन चुके हैं।
बिहार में चहथ पूजा के दो अलग-अलग दिनों पर मनाया जाता है — एक अक्टूबर के अंत में, और दूसरा नवंबर के शुरुआत में। यह अंतर स्थानीय पंचांगों और ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर होता है। इसलिए बिहार सरकार ने दोनों दिनों को छुट्टी के रूप में घोषित कर दिया है — ताकि हर भक्त अपने विश्वास के अनुसार त्योहार मना सके।
नहीं। झारखंड में केवल 27 अक्टूबर को बैंक बंद रहेगा — जो संध्या अर्घ्य का दिन है। 28 अक्टूबर को छुट्टी नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार ने इस दिन को अपनी छुट्टियों की सूची में शामिल नहीं किया है। यह बिहार के विपरीत है, जहाँ दोनों दिनों को छुट्टी माना गया है।
हाँ, असम और पश्चिम बंगाल में 7 नवंबर 2025 को बैंक बंद रहेंगे। यह तारीख उन क्षेत्रों के लिए चहथ पूजा के मुख्य दिन के अनुसार तय की गई है, जहाँ चंद्रमा के दृश्य अलग हैं। इसलिए यह अक्टूबर के दिनों की तुलना में एक सप्ताह बाद है।
चेक और ड्राफ्ट की क्लीयरिंग 27-28 अक्टूबर और 7-8 नवंबर के दौरान रुक जाएगी। लेकिन डिजिटल लेनदेन जारी रहेंगे। बैंक इन लेनदेनों को अगले कार्यदिवस में प्रोसेस कर देंगे। इसलिए अगर आपके पास कोई तत्काल भुगतान है, तो यूपीआई या नेट बैंकिंग का उपयोग करें।
सार्वजनिक और निजी बैंक आरबीआई के निर्देशों का पालन करते हैं, लेकिन सहकारी बैंकों के लिए यह अनिवार्य नहीं है। कुछ ग्रामीण सहकारी बैंक अपने स्थानीय त्योहारों के अनुसार छुट्टी दे सकते हैं, या नहीं भी दे सकते। इसलिए गाँवों में रहने वाले ग्राहकों को अपने बैंक की वेबसाइट या ऐप से पुष्टि करनी चाहिए।
"दिव्य प्रभात" आपके लिए लाया है ताज़ा और सच्ची खबरें, जो आपके दिन की शुरुआत को बनाएगी दिलचस्प। हम आपको देंगे समाचार, मनोरंजन, खेल और लाइफस्टाइल से जुड़ी हर अपडेट, ताकि आप सचेत और जागरूक रहें। दिव्य प्रभात के साथ आइए, अपने दिन की नई शुरुआत करें।
एक टिप्पणी लिखें