पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक की है। देश में पांचवें चरण के लॉकडाउन के साथ अनलॉक 1.0 शुरू हुआ है। कैबिनेट की यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार का एकसाल पूरा हो गया है और दूसरे साल की शुरुआत हुई है। इस मामले में सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों के मुताबिक, आज कैबिनेट बैठक में कई अहम और ऐतिहासिक फैसले किए जा सकते हैं। कैबिनेट की ब्रीफिंग के लिए रोड एवं ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी, प्रकाश जावडे़कर संबोधन शुरू कर रहे हैं।
क्या हैं ऐतिहासिक फैसले
MSMEs के साथ रेहड़ी पटरी पर काम करने वालों के लिए फैसले लिए गए हैं। देश भर में 6 करोड़ से ज्यादा MSMEs हैं। कोरोनावायरस महामारी के बाद पीएम मोदी ने इस सेक्टर की अहमियत समझते हुए MSMEs के लिए आवंटन का फैसला किया गया है।
आत्मनिर्भर पैकेज के तहत रोडमैप जारी किया है। MSMEs की परिभाषा में बदलाव किया जा चुका है। मुश्किल में फंसी MSMEs को 20,000 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूर किया गया है। इसMSMEs कंपनियां लिस्ट हो सकती है।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि MSMEs के लिए 50,000 करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश का ऐलान किया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है। इसमें ये कंपनियां बाजार में लिस्ट होकर पैसा जुटा सकती हैं।
MSMEs की परिभाषा में फिर से बदलाव किया गया है। पैकेज के ऐलान के दौरान बदलाव किया गया था जिसे आज और संशोधित किया है।
1 करोड़ रुपए निवेश और 5 करोड़ रुपए का कारोबार
10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ का टर्नआउट
20 करोड़ रुपए का निवेश 250 करोड़ रुपए का कारोबार कर दिया गया है।
2006 के MSMEs एक्ट के 14 साल बाद संशोधित किया गया है।
से 2 लाख कंपनियों को फायदा होगा।
MSMEs मैन्युफैक्चरिंग ईकाई के लिए 50 करोड़ रुपए का निवेश और 250 करोड़ रुपए कारोबार की सीमा होगी। निर्यात के संबंध में कारोबार को MSMEs कैटेगरी में टर्नओवर में नहीं गिना जाएगा।
आजादी के बाद पहली ऐसी योजना
शहरी आवास मंत्रालय ने विशेष सूक्ष्म ऋण योजना शुरू की है। इसके जरिए छोटे दुकाने चलाने वाले या रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले लोन ले सकते हैं। यह योजना लंबे समय तक चलेगी। इसका फायदा 50 लाख से ज्यादा दुकानदारों को मिलेगा।
नरेंद्र तोमर अब कैबिनेट में हुए फैसलों का ऐलान कर रहे हैं
तोमर ने कहा, सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कटाई की अनुमति दी और किसानों के साथ खड़ी रही। किसानों ने इस साल बंपर खेती करके देश को समर्पित किया है। उन्होंने बताया आज तक गेहूं की खरीद 360 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है। पिछले साल तक 342 लाख मीट्रिक टन थी। धान की खरीद इस साल अब तक 95 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है। पिछले साल यह 90 लाख मीट्रिक टन थी। दलहन और तिलहन की खरीद इस साल अब तक 16.07 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है जो पिछले साल 15 लाख मीट्रिक टन थी।
2018-19 में सरकार ने यह ऐलान किया था कि किसानों को उनके उत्पादन का कम से कम 50 फीसदी मुनाफा हो।
क्या है यह योजना?
इस योजना में छोटे दुकानदार और रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वालों को 10,000 रुपए का लोन दिया जाएगा। इसे एक साल के भीतर मासिक किस्त में लौटा सकते हैं। वक्त पर पैसा लौटाने वालों को 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी के तौर पर खाते में जमा कर दिया जाएगा। इसमें किसी तरह की पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है।
क्यों अहम है यह बैठक
कैबिनेट की यह मीटिंग देश में चौथे चरण का लॉकडाउन खत्म होने के ठीक एक दिन बाद हुई है। देश में 25 मार्च से ही लगातार लॉकडाउन जारी था जिसमें आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप थीं।
शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक