मई में शेयर बाजार का माहौल बहुत बदला-बदला नजर आया. यह देखना दिलचस्प है कि इस माहौल में म्यूचुअल फंडों ने किन शेयरों में निवेश किए.
कुछ घरेलू म्यूचुअल फंडों ने इस दौरान अशोक लेलैंड, अडानी एंटरप्राइजेज और कल्पतरू पावर के शेयरों में निवेश किए, जबकि एसबीआई कार्ड्स्, एस्कॉर्ट्स, कोच्चि शिपयार्ड्स और फेडरल बैंक के शेयरों को बेचा.
आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर फंडों ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के राइट्स इश्यू को सब्सक्राइब किया था. सेबी के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंडों ने मई में शुद्ध रूप से 6,522.45 करोड़ रुपये की खरीदारी की. इस दौरान इक्विटी फंडों में निवेश 10 फीसदी से अधिक कम हुआ.
एसेट के आधार पर बात करें, तो एसबीआई म्यूचुअल फंड ने 114 करोड़ रुपये के रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर खरीदे, जबकि पीवीआर के 33 करोड़ रुपये में 3.44 लाख शेयर बेचे. इसने कल्पतरु पावर में 20 करोड़ रुपये और लार्सन एंड टुब्रो इंफोटेक में 3 करोड़ रुपये का निवेश किया.
अप्रैल महीने के अंत तक एसबीआई म्यूचुअल फंड के पास ये शेयर नहीं थे. इस फंड हाउस ने अतुल ऑटो (110 करोड़ रुपये) सीपीसीएल (14 करोड़ रुपये), एस्कॉर्ट्स (3 करोड़ रुपये) और केनरा बैंक (2 करोड़ रुपये) से पूरी तरह निकासी की.
एचडीएमसी ने रिलायंस के 185 करोड़ रुपये के राइट्स शेयर खरीदे. इसने इंडियामार्ट इंटरमेष (16 करोड़ रुपये) जेबी केमिकल (16 करोड़ रुपये) और अडानी एंटरप्राइसेज (10 करोड़ रुपये) में भी खरीदारी की. इस फंड ने एस्कॉर्ट्स, बंधन बैंक, इंद्रप्रस्था गैस और कोच्चि शिपयार्ड से निकासी की.
तीसरे सबसे बड़े फंड हाउस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशिल एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के 51 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू के तहत शेयर खरीदे. इसने असाही गैस के 20,000 शेयर खरीदे, जबकि रैमको इंडस्ट्रीज के 8,000 शेयरों में निवेश किया.
इसने एसबीआई कार्ड्स के 12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और आईआरसीटीसी (31,000 शेयर), ग्रीनलैम इंडस्ट्रीज (61,000 शेयर) और ओरियंट पेपर्स (11,46,000) ने निकासी की. अप्रैल में14.42 फीसदी चढ़ने के बाद मई में बीएसई सेंसेक्स 3.83 फीसदी तक फिसला.
बिड़ला एसेट लाइफ मैनेजमेंट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के 71 करोड़ रुपये के राइट्स शेयर खरीदे. साथ ही इसने सीसीएल प्रोडक्ट्स (6.72 लाख शेयर), कल्पतरू पावर (3.49 लाख शेयर) और कजारिया सेरामिक्स (20,000 शेयर) खरीदे. इसने कोच्चि शिपयार्ड, एस्कॉर्ट्स और डेल्टा कॉर्प से निकासी की.
निपॉन इंडिया म्यूचुअल फंड में रिलायंस इंडस्ट्रीज के 201 करोड़ रुपये का राइट्स शेयर खरीदे. इसने परसिस्टेंट सिस्टम्स, (26 करोड़ रुपये), लॉरस लैब्स (20 करोड़ रुपये) और जेके लक्ष्मी सीमेंट (12 करोड़ रुपये) के में एंट्री की, जबकि बोडल केमिकल्स और इंडिया सीमेंट से निकासी की.
आंकड़े बताते हैं कि कमजोर सेटिमेंट के चलते मई में इक्विटी म्यूचुअल फंडों के एसेट 1.4 फीसदी घटकर 6.9 लाख करोड़ रुपये हो गए. अडानी एंटरप्राइसेज में कई म्यूचुअळ फंडों ने दिलचस्पी दिखाई. इसमें एचडीएफसी एएमसी (7.04 लाख शेयर) और जेएम फाइनेंशियल (2 लाख शेयर) शामिल रहे.
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने कहा, “भुनाने की प्रक्रिया माह-दर-माह की तुलना में 7.6 फीसदी घटकर 8,100 करोड़ रुपये रही, मगर नेट निवेश में बड़ी गिरावट आई है, अप्रैल में 6,700 करोड़ रुपए से घटकर मई में 5,600 करोड़ रुपये ही रह गया.”
कोटक म्यूचुअल फंड (18 करोड़ रुपये), एडलवाइज म्यूचुअल फंड (15,44,000 शेयर) और जेएम फाइनेंशियल म्यूचुअल फंड (6,66,000) शेयर ने अशोक लेलैंड की खरीदारी की. इंवेस्को और टाटा म्यचूअल फंड में ग्लेनमार्क फार्मा में एंट्री की और एक्सिस म्यूचुअल फंड ने इस शेयर से निकासी की.
शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक