दुनिया भर में शेयरों के निवेशक इस बात की तलाश में हैं कि बाजार में अगले दौर की तेजी का नेतृत्व कौन से शेयर करेंगे. बाजारों की अस्थिरता के चलते यह काम और कठिन हो गया है. वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनले ने उनका यह काम कुछ आसान कर दिया है.
मॉर्गन स्टेनले का मानना है कि अभी तक बाजार की तेजी में सबसे बड़ी भूमिका वित्त और कंज्यूमर सेक्टर की रही है. मगर तेजी के अगले दौर में हेल्थकेयर और कंज्यूमर डिस्क्रीशनरी सेक्टर के शेयरों की बड़ी भूमिका होगी. ब्रोकरेज का मानना है कि कोविड-19 के बाद इन दो सेक्टर्स की भूमिका काफी अहम रहने वाली है.
राधेश्याम चौहान (रिसर्च हेड इन्दिरा सेक्युरिटी) का कहना है कि भारत के लिहाज से बात करें तो इन दो सेक्टर्स की स्थिति काफी मजबूत रहने वाली है. ब्रोकरेज फर्म ने गोदरेज कंज्यूमर, एचडीएफसी और एमसीएक्स से फोकस हटाते हुए सन फार्मा, अपोलो हॉस्पिटल्स और ल्यूपिन को अपने रडार पर रखा है.
अपने आदर्श पोर्टफोलियो में मॉर्गन स्टेनले ने वित्तीय शेयरों की हिस्सेदारी को 500 बेसिस अंक घटाकर अपना रुख तटस्थ कर दिया है, जबकि कंज्यूमर जरूरतों की हिस्सेदारी को 200 बेसिस अंक कम करते हुए रुख को तटस्थ से कमजोर किया है.
अपनी रिपोर्ट में ब्रोकरेज ने कहा कि वह हेल्थकेयर शेयरों की हिस्सेदारी को 500 बेसिस अंक तक बढ़ रहा ही है और एनर्जी शेयरों की हिस्सेदारी को भी 100 बेसिस अंक अधिक बढ़ाते हुए 300 बेसिस अंक कर रही है. ब्रोकरेज ने टेक शेयरों के प्रति भी नरम रुख दिखाया है.
शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक