क्या रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरधारकों को राइट्स इश्यू में हिस्सा लेना चाहिए?

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का 53,125 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू बुधवार को निवेश के लिए खुल गया है. यह भारत का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू है. विश्लेषक इस इश्यू को ‘काफी आकर्षक’ मान रहे हैं. उन्होंने आरआईएल के शेयरधारोंको इस इश्यू में निवेश करने की सलाह दी है.

विश्लेषकों का मानना है कि कर्जमुक्त होने के बाद आरआईएल की स्थिति काफी मजूबत हो जाएगी. इसके रिटेल और डिजिटल कारोबार में ग्रोथ की बहुत संभावना है. उन्होंने कहा कि प्रमोटर समूह उन सभी शेयरों को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राइट्स इश्यू में सब्सक्राइब नहीं होंगे.

राइट्स इश्यू के लिए 14 मई रिकॉर्ड तारीख निर्धारित की गई है. इस तरीख तक जिन लोगों के पास आरआईएल के शेयर होंगे, वे राइट्स इश्यू में हिस्सा ले सकते हैं. उन्हें अभी सिर्फ 25 फीसदी राशि देनी होगी. शेष रकम दो किस्तों में अगले साल मई और नवंबर में ली जाएगी.

1,300 से 1,400 रुपये के दायरे में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों की खूब खरीद-फरोख्त हुई है. राइट्स इश्यू में रिटेल निवेशक को कंपनी का एक शेयर 1,257 रुपये के भाव पर मिल रहा है. यदि आरआईएल का कोई शेयरधारक राइट्स इश्यू के अपने अधिकार बेचना चाहता है, तो प्रभुदास लीलाधार के अनुसार इसके लितए 210 रुपये से अधिक का भाव अच्छा है.

“भुगतान के नियमों में रियायत इस शेयर की खरीद को और आसान करती है. अभी आपको सिर्फ एक चौथाई पैसा ही देना है. कंपनी की बिजनेस शानदार है. शेयरों के भाव का डिस्काउंट भी निवेशकों को आकर्षित कर सकता है.”

रिलायंस का राइट्स इश्यू भारतीय बाजार का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू है. इससे पहले साल 2019 में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 25,000-25,000 करोड़ रुपये का राइट्स इशूय पेश किया था. साल 2018 में टाटा स्टील 12,800 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू लाई थी.

कई ब्रोकरेज फर्मो ने कहा कि कंपनी बी2बी बिजनेस की एबिड्टा में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2014-15 में 85 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2019-20 में 60 फीसदी तक आ गई है. कंपनी की वैल्यूएशन में कंज्यूमर बिजनेस की भूमिका 78 फीसदी तक की है. यह आने वाले समय में कंपनी को ग्रोथ देगा.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 30 सालों में पहली दफा राइट्स इश्यू पेश किया है. बीते दो महीनों में कंपनी ने फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी और जनरल एटलांटिक जैसे दिग्गज निवेशकों को जियो प्लेटफॉर्म की हिस्सेदारी बेचकर मोटी रकम जुटाई है.

शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक

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